सत्यखबर, दिल्ली
दिल्ली में चल रहे किसान आंदाेलन में एक संत के खुद काे गाेली मारने से दहशत का माहाैल है। कुंडली बार्डर पर बुधवार काे आत्महत्या करने वाले बाबा राम सिंह जगराओं (लुधियाना) स्थित गुरुद्वारा नानकसर कलेरां से लंबे समय तक जुड़े रहे थे। उनका जन्म जगराओं के साथ लगते गांव गुरुसर में हुआ था। वह संत साधू सिंह के साथ काफी लंबे समय तक जगराओं स्थित नानकसर के मुख्यालय पर सेवा देते रहे। लाेगाें काे यह विश्वास ही नहीं हाे रहा कि राम सिंह इस तरह का कदम उठा सकता है।
उन्हें संत साधू सिंह का उत्तराधिकारी माना जाता था, लेकिन लगभग 25 साल पहले उन्हें हरियाणा स्थित डेरे के प्रमुख की सेवा सौंपी गई थी। गुरुद्वारा नानकसर कलेरां के मुख्य सेवादार बाबा गुरजीत सिंह ने कहा कि बाबा राम सिंह की कुर्बानी को नमन है। संगत शांति बनाए रखे। संत समाज किसानों के साथ है। उन्हाेंने कहा कि माेदी सरकार काे किसानाें की मांगे माननी ही पड़ेगकुंडली में चल रहे धरना में शामिल एक और किसान की मौत हो गई। पिछले तीन दिनों में यह तीसरी मौत है, जबकि कुंडली बॉर्डर पर चौथे किसान की मौत हुई है। इससे पहले सोमवार और मंगलवार सुबह भी एक-एक किसान की हृदयाघात से मौत हुई थी। धरनास्थल पर किसानों की मौत को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि बढ़ती ठंड के कारण बुजुर्ग किसान लगातार बीमार हो रहे हैं। वे ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन के शिकार हो रहे हैं और हृदयाघात से उनकी मौत हो रही है। गाैरतलब है कि कृषि सुधार कानूनों के विरोध में कुंडली बॉर्डर पर 27 नवंबर से किसान धरना दे रहे हैं।
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