मंगलवार को मंडी में आई 4000 किवंटल गेंहू
सरकार ने वेयरहाऊस द्वारा सीधे खरीदी 300 किवंटल गेंहू
सत्यखबर, सफीदों: सफीदों मंडी में दूसरे दिन भी आढ़तियों की हड़ताल जारी रही। एक तरफ आढ़ती अपनी मांगों को लेकर टस से मस नहीं हुए और दूसरी तरफ प्रशासन इस प्रयास रहा कि किसी तरीके से गेंहू खरीद का कार्य शुरू हो। मंगलवार को आढ़तियों ने फिर से एक स्वर में कहा कि जब तक सरकार अपनी हठधर्मिता का त्यागकर ई-टेड्रिंग का फैसला वापिस नहीं ले लेती तब तक वे यूं ही हड़ताल पर रहेंगे। आढ़तियों ने किसी भी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया और वे अपनी-अपनी दुकानों में बैठे रहे। वहीं दूसरी ओर प्रशासन के आलाधिकारी भी मंडी में मौजूद रहे। एस.डी.एम. मनदीप कुमार ने भी कई बार मंडी का दौरा किया और किसानों से बात की। मंडी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एस.एच.ओ. देवीलाल मौजूद रहे। एस.डी.एम. ने किसानों से कहा कि जो किसान अपनी फसल बेचना चाहता है उसे लेने के लिए सरकार तैयार है। किसानों से बातचीत में अधिकतर किसान सीधी फसल बेचने पर राजी नहीं हुए लेकिन लुदाना, बुढ़ाखेड़ा व सिल्लाखेड़ी के 3 किसान सरकार को सीधी फसल बेचने पर तैयार हो गए। प्रशासन ने आनन फानन में हरियाणा वेयरहाऊसिंग कारपारेशन को मध्यस्थ बनाकर तीनों किसानों की करीब 300 किवंटल गेंहू खरीद ली। उधर कच्चा आढ़ती संघ के प्रधान अनुज मंगला ने कहा कि सफीदों मंडी का कोई भी आढ़ती सरकार को माल नहीं बेचेगा और नाही किसी प्रकार से सरकार का साथ देगा। अगर सरकार खुद किसान से माल लेना चाहती हैं तो वह अवश्य ले ले। एस.डी.एम. मनदीप कुमार ने कहा कि सरकार किसान का एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। जो किसान अपनी फसल बेचना चाहता है, उसे लेने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। आज भी कई किसानों ने सरकार को सीधी अपनी फसल बेची है। उन्होंने कहा कि आढ़ती हड़ताल पर हैं और उन्हे उम्मीद है कि जल्द ही कोई ना कोई फैसला होगा। वहीं मार्किट कमेटी सचिव पवन चौपड़ा ने बताया कि सफीदों मंडी हैफेड व हरियाणा वेयरहाऊसिंग कारपोरशन खरीद कर रहीं हैं। खरीद के पहले दिन हैफैड ने सीधे तौर पर एक किसान की गेंहू खरीदी थी। आज तीन किसानों ने हरियाणा वेयरहाऊसिंग को अपनी फसल बेची है। उन्होंने कहा कि सरकार ने खरीद एजेंसियों को ही कच्चा आढ़ती के रूप में मध्यस्थ बना लिया है और अब कच्चा आढ़तियों की जरूरत नहीं है। जो किसान फसल बेचना चाहेगा उसकी फसल अब खरीद एजेंसियां ही खरीद लेंगी।
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