सत्य खबर, पानीपत।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शनिवार को जहां इसराना में जननायक ताऊ देवीलाल मॉडल कॉलोनी की आधारशिला रखी। वहीं किसानों ने उनके यहां आने पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। जिसके चलते पुलिस प्रशासन कड़ी मशक्त के बाद भी किसानों को हिरासत में लेकर कार्यक्रम कराना पड़ा।
कालोनी की आधारशीला रखते हुए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गांव में शहरी सुविधाओं से युक्त कॉलोनी देने का जो वादा किया गया था उसकी शुरुआत इसराना से की गई है। उन्होंने कहा कि इसराना देश का पहला ऐसा गांव होगा जहां 48 एकड़ में ग्रामीण सेक्टर विकसित किया जाएगा जो कि ऐतिहासिक कदम है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज का दिन हरियाणा और पानीपत के लिए ऐतिहासिक दिन है क्योंकि इसराना की पावन धरा पर देश में पहला ग्रामीण सेक्टर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 48 एकड़ में शहर के तर्ज पर पहली योजनाबद्ध कॉलोनी विकसित होगी, जहां कम्युनिटी सेंटर, स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स, प्राइमरी स्कूल, पार्क, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स समेत तमाम मूलभूत सुविधाएं कॉलोनी वासियों को मिलेगी। इस तरह की मॉडल कॉलोनी नारनौंद और बहादुरगढ़ में भी विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसराना की इस मॉडल कॉलोनी में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी मूल इसराना वासियों की रहेगी और 40 प्रतिशत हिस्सेदारी सबके लिए ओपन होगी।
वहीं इसके बाद उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पानीपत लघु सचिवालय में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में लोगों की समस्याएं सुनी। हालांकि यहां पर भी उनका विरोध करने के लिए न केवल किसान बल्कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और आस्ट्रेलिया में गिरफ्तार किए गए युवा विशाल के समर्थन में कई संगठनों के पदाधिकारियों ने भी प्रदर्शन किया। यहां पर भी पुलिस को नाके चने चबाकर डिप्टी सीएम को लघु सचिवालय में प्रवेश कराया । बैठक खत्म होने के बाद बहुत ही मुश्किल से जिला से विदा किया गया। इस दौरान लघु सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन होता रहा तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी चलती रही।
ऐसा ही कुछ नजारा इसराना का भी था। यहां पर भी जैसे ही किसानों को सूचना मिली की डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला इसराना आ रहे हैं तो भारी संख्या में किसान गोहाना-पानीपत मार्ग पर एकत्रित हो गए। पुलिस के लाख समझाने पर भी नहीं माने। आखिरकार पुलिस को किसानों की गिरफ्तारी के लिए रोडवेज बसें बुलानी पड़ी। पुलिस जब किसानों को हिरासत में लेकर बसों में बैठा रही तो महिला किसानों ने पुलिस के साथ कहासुनी शुरू कर दी तथा बसों से किसानों का उतार दिया। जिसके बाद पुलिस ने महिला पुलिस को बुलाया तथा महिला किसानों को भी बसों में बैठाकर यहां से ले जाया गया। तब कहीं जाकर डिप्टी सीएम का मार्डन कालोनी की आधारशीला रखने का कार्यक्रम हो पाया। वहीं कार्यक्रम के बाद बसों में ही सभी किसानों को वापिस इसराना लाकर छोड़ दिया गया।
जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में पानीपत के सबसे चर्चित व गर्म मामले पुलिस और वकील के मुद्दे को सुनने के बाद उन्होंने इसे बाद के लिए टाल दिया। दरअसल बिशन स्वरूप कॉलोनी निवासी वरिष्ठ एडवोकेट एवं जिला बार के पूर्व प्रधान वेदपाल कादियान ने बताया कि वह और उनका बेटा गौरव 11 जून को सिवाह गांव से लौट रहे थे। पसीना मोड़ पर एएसपी पूजा वशिष्ठ व अन्य पुलिसकर्मी चैकिंग कर रहे थे। पुलिस ने उनकी गाड़ी रुकवा ली थी और चैकिंग करने लगे थे। आरोप है कि एएसपी ने उनके बेटे से मास्क न लगाने पर सवाल किया तो उसके कहा कि वह गाड़ी में अकेला है, इसलिए मास्क नहीं लगाया। गौरव ने पुलिसकर्मियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इन्होंने भी मास्क नहीं लगाया हुआ है। आरोप है कि इसी बात पर एएसपी आग.बबूला हो गईं और गौरव को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद अन्य पुलिसकर्मियों से बेटे को पिटवाया और उन्हें घसीटकर अपनी गाड़ी में बैठाया व थाने ले गए थे।
यहां उनके मोबाइल छीन लिये और मारपीट की। पूरी रात थाने में रखने के बाद परिजनों व अन्य वकीलों के आने पर उन्हें थाने से जमानत दी गई। जबकि उनकी कोई गलती नहीं थी। एडवोकेट ने एसपी पर भी एएसपी को बचाने का आरोप लगाया। जिसके बाद डिप्टी सीएम ने इस मामले को दर्ज कराने वाले जोगिंद्र को हाजिर करने के आदेश देते हुए मामले को बाद में सुनने को कहा लेकिन फिर दोनों पक्षों को अलग कमरे में ले गए। हालांकि मौके पर कोई समाधान तो नहीं निकला पर कुछ बड़ा होने के संकेत दे गए हैं।
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