सत्य खबर । चंडीगढ़
हरियाणा में पराली जलने के मामले इतने अधिक बढ़ चुके हैं कि वायु प्रदूषण के मामले में प्रदेश अन्य राज्यों को पीछे छोड़ चुका है। आलम यह है कि देश के सबसे प्रदूषित 22 शहरों में से 12 हरियाणा के हैं।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) की ओर से सोमवार शाम जारी बुलेटिन ने प्रदेश के लिए खतरे घंटी बजा दी है। प्रदेश अब गैस चैंबर की ओर बढ़ रहा है। बुलेटिन में जिन 22 शहरों का नाम आया है वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब दर्ज किया गया है। यही नहीं, सीपीसीबी ने सभी शहरों में हवा की गुणवत्ता में फिलहाल सुधार होने की उम्मीद नहीं जताई है।
फतेहाबाद (379) और बहादुरगढ़ (363) दो ऐसे जिले हैं जिनकी हवा पूरे प्रदेश में सबसे खराब है। सीपीसीबी के अनुसार एक्यूआई 301 से 400 के बीच हो तो हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होती है। विशेषज्ञों अनुसार ऐसी स्थिति में सांस लेने में परेशानी हो सकती है। साथ ही फेफड़े सही से काम न करें तो सांस की गंभीर बीमारियां होने का भी खतरा रहता है।
करनाल में पराली जलाने के मामले सबसे अधिक
सभी कोशिशों के बावजूद इस साल हरियाणा में पराली जलने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (एचएसपीसीबी) से जुटाए डाटा के अनुसार एक माह में ही हरियाणा में पराली जलाए जाने के 4284 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। जबकि 25 सितंबर को पराली जलाए जाने का आंकड़ा केवल 15 ही था।
सबसे अधिक पराली जलाने के मामले करनाल में आए हैं। इस जिले में 26 अक्टूबर की शाम तक 806 मामले सामने आ चुके हैं। दूसरे स्थान पर कैथल (749), तीसरे पर कुरुक्षेत्र (716), चौथे पर अंबाला (564) और 5वें पर फतेहाबाद (377) है। अधिकारियों के अनुसार इस साल भी सभी जिलों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है लेकिन मामले बढ़ना चिंताजनक विषय है।
हरियाणा के शहर टॉप-22 में
शहर ए.क्यू.आई.
फतेहाबाद 379
बहादुरगढ़ 363
बल्लबगढ़ 337
भिवाडी 331
धारुहेड़ा 313
फरीदाबाद 323
हिसार 335
जींद 334
कैथल 301
कुरुक्षेत्र 312
पानीपत 301
यमुनानगर 323
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