सत्यखबर, नई दिल्ली
अवैध रूप सीमा पार करने पर आठ साल से पाकिस्तान की जेल में बंद दो भारतीय नागरिकों की वतन वापसी हुई है. पाकिस्तान जेल में 8 सालों से बंद दो भारतीय नागरिकों को वाघा बॉर्डर पर के जवानों को सौंप दिया गया है. इन दोनों पर सीमा को अवैध तरीके से पार करने के आरोप लगे थे. अधिकारी ने बताया कि साल 2013 में शर्मा राजपूत और राम बुहादार ने कश्मीर में नियंत्रण रेखा से पाकिस्तान के क्षेत्र में प्रवेश किया था, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने गिरफ्तार कर लिया था.
एक सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बाद में सामने आया कि दोनों भारतीय मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं और उन्होंने अनजाने में बॉर्डर को पार किया था. अधिकारी ने बताया कि उनकी तस्वीरें और अन्य सर्टिफिकेट्स भारत के साथ साझा किए गए. भारत ने आखिरकार उन्हें अपना नागरिक स्वीकार किया और इसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने सोमवार को उन्हें बीएसएफ को सौंप दिया. वहीं, एक साल पहले कथित जासूसी और अवैध सीमा पार करने के आरोप में पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए गए 19 भारतीय नागरिकों के मामले अभी भी संघीय समीक्षा बोर्ड के पास लंबित हैं.
19 भारतीयों को लेकर आंतरिक मंत्रालय की जांच रिपोर्ट का इंतजार
पाकिस्तानी पुलिस और रेंजर्स ने देश के अलग-अलग हिस्सों से 19 भारतीयों को देश के सुरक्षा अधिनियम और गुप्त सेवा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था. उन्हें अलग-अलग जेलों में रखा गया है. उन्हें संघीय समीक्षा बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जिसमें सुपीरियर कोर्ट के न्यायाधीश शामिल थे. वहीं, संघीय आंतरिक मंत्रालय ने अपने आरोप प्रस्तुत किए. अधिकारियों ने कहा कि बोर्ड ने उनकी हिरासत को तब तक के लिए बढ़ा दिया जब तक कि उनके मामलों पर निर्णय आंतरिक मंत्रालय की जांच रिपोर्ट के आधार पर नहीं किया जाता है. इस रिपोर्ट के जरिए ये तय किया जाएगा कि उन्हें मुकदमे का सामना करना चाहिए या उन्हें रिहा कर देना चाहिए.
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मध्यप्रदेश का एक व्यक्ति अगले सप्ताह लौटेगा भारत
वहीं, 28 अगस्त को मध्यप्रदेश के सागर जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनजाने में पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद वहां की जेल में लंबे समय तक बंद रहा 57 वर्षीय व्यक्ति रिहा होकर अगले सप्ताह अपने घर वापस लौटेगा. सागर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अतुल सिंह ने शनिवार को बताया था कि जिला मुख्यालय से करीब 46 किलोमीटर दूर गौरझामर थाना क्षेत्र के घोसी पट्टी गांव का निवासी प्रहलाद सिंह को 30 अगस्त को वाघा सीमा पर भारत को सौंपा जाएगा. अधिकारी ने बताया कि वह व्यक्ति 30 साल पहले अपने घर से लापता हो गया था और जनवरी 2014 में मध्यप्रदेश सरकार को यह पता चला कि वह पाकिस्तान की जेल में बंद है.
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