सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
गांव धरौदी में 11 गांव के लोग धरौदी माइनर को भाखड़ा नहर से जुड़वाने के लिए तीसरे दिन भी धरने पर बैठे रहे। इस मौके पर महिलाओं ने खाली मटके फोड़कर वादाखिलाफी कर रही सरकारों के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया। ग्रामीणों यशपाल नैन, जयबीर, सुरजभान, राजबीर, उदयवीर आदि का कहना है कि 11 गांव के लोग पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पास धरौदी माइनर की मांग को लेकर गये थे, लेकिन उन्होंने भी कोई सुनवाई नहीं किये। जिसके बाद वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के पास भी अपनी फरियाद लेकर गये, लेकिन वहां भी कोई समस्या का हल नहीं हो सका। अब भाजपा सरकार का कार्यकाल भी पूरा होने वाला है और धरौदी माइनर की आवाज को दबा दिया जाता है। गांव फरैण कलां के बुजुर्ग ईश्वर चहल ने बताया कि उनके गांवों में जमीन बहुत ज्यादा मात्रा में होते हुए भी नौजवान लड़के कुंवारे हैं, इसका कारण यह है कि नीचे का पानी बहुत खराब हैं। जिससे लोगों को कैंसर व पीलिया जैसी बीमारियों से दो-चार होना पड़ता है। फिर भी सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी गंभीर समस्या की ओर ध्यान नहीं देती, तो उनके गांवों को पंजाब से जोड़ दिया जाये, ताकि पंजाब सरकार सकरात्मक कदम उठा सके। वहींं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह नरवाना ने धरने का समर्थन देते हुए कहा कि 11 गांवों के लोगों की मांगे जायज हैं, इस बारे में कोई भी सरकार आये, इसके बारे में अवश्य सोचना चाहिए। उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान का ज्यादातर पानी पाकिस्तान में जाता है, जबकि भारत के लोग प्यासे मर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग की ओर ध्यान नहीं दिया, तो धरना अनिश्चितकालीन चल सकता है।
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