सत्स खबर, वडोदरा
गुजरात में कथित धर्मांतरण विरोधी रैकेट चलाने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत एफ आईआर दर्ज की गई है। वडोदरा पुलिस आयुक्त शमशेर सिंह ने बताया कि पिछले 5 सालों में आरोपियों को हवाला के जरिए 60 करोड़ के साथ-साथ विदेशी चंदे से 19 करोड़ रुपए मिले हैं।
सिंह ने बताया कि हवाला फं ड दुबई के रास्ते आता था। आरोपियों को एक ट्रस्ट के जरिए यूकेए यूएस और यूएई से विदेशी चंदा भी मिलता था। आरोपियों ने 5 राज्यों में 103 मस्जिदों का निर्माण भी करवाया है। सरकार विरोधी प्रदर्शन के लिए भी हवाला फ ंडिंग का इस्तेमाल किया गया है और इन आरोपियों का जम्मू-कश्मीर से भी संबंध हैं।
संशोधन करने से हाईकोर्ट ने किया इनकार
वहीं गुजरात हाईकोर्ट द्वारा धर्मांतरण विरोधी कानून में सुधार की मांग करने वाली राज्य की याचिका खारिज कर दी गई है। नए कानून के सेक्शन 5 के अनुसार धार्मिक पुजारियों को किसी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन कराने से पहले जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी। इसी के साथ जिस व्यक्ति का धर्म परिवर्तन किया जाएगा। उसे भी निर्धारित प्रपत्र में जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देनी होगी।
राज्य सरकार ने कहा विवाह से कोई लेना देना नहीं
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने कहा कि हमें 19 अगस्त को हमारे द्वारा पारित आदेश में कोई बदलाव करने का कोई कारण नजर नहीं आता। वहीं कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए राज्य सरकार के वकील ने कहा कि गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता संशोधन अधिनियम 2021 की धारा पांच मूल कानून को 2003 में क्रियान्वित किए जाने के समय से लागू है और इसका विवाह से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने न्यायाधीशों को यह समझाने की कोशिश की कि धारा पांच पर रोक वास्तव में पूरे कानून के क्रियान्वयन पर ही रोक लगा देगी और धर्मांतरण से पहले कोई भी व्यक्ति अनुमति लेने के लिए अधिकारियों से संपर्क नहीं करेगा।
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