सत्यखबर, पलवल
डीसी नरेश नरवाल ने किसानों से की अपील, भावी पीढ़ी के लिए पानी की बचत सुनिश्चित करने में दें योगदान**
*पलवल, 10 मई।* उपायुक्त नरेश नरवाल ने जिला के किसानों से अपील की है कि रबी फसल की कटाई के बाद अब खरीफ फसलों की बुआई की तैयारी करने का समय आ गया है और धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलें जैसे कि मक्का, अरहर, ग्वार, तिल, ग्रीष्म मूंग (समर मूंग) व अन्य फसलों की बुआई करें। इससे हम भावी पीढ़ी के लिए पानी की बचत सुनिश्चित करने के साथ-साथ सरकार के ‘जल ही जीवन है’ अभियान को भी आगे बढ़ा सकेंगे।
श्री नरेश नरवाल ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने भी राज्य में जल संरक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना भी आरंभ की है साथ ही राज्य के किसानों को भी जल संरक्षण के प्रति प्रेरित किया है। किसानों को अपना मन बनाना होगा कि आगामी खरीफ फसल बुआई की तैयारी करने से पहले ही यह तय कर ले कि हमें धान नहीं बल्कि अन्य वैकल्पिक फसलें अपनानी होगी ताकि हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए पानी की बचत सुनिश्चित कर सकें। जो किसान पंचायती जमीन ठेके पर लेकर खेती करते हैं वे धान के स्थान पर मक्का, अरहर व अन्य फसलों की ही बुआई करें और सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘जल ही जीवन है’ अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें।
उन्होंने किसानों से यह भी अपील की है कि वे गेहूं की फसल की कटाई के बाद धान की बजाय ढैंचा लगाएं, जो पशु चारे के साथ-साथ हरी खाद का काम भी करता है। आमतौर पर किसान कुछ समय बाद ढैंचे की फसल की खेत में जुताई कर देता है और इससे भूमि की उर्वरक शक्ति भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलें जैसे कि मक्का, अरहर, उड़द, ग्वार, कपास, बाजरा, तिल व ग्रीष्म मूंग (समर मूंग) की बुआई करने के प्रति अपना मन बनाएं। इससे भावी पीढ़ी के लिए पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर सकेंगे।
उपायुक्त ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से बचाव के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में कुछ रियायतें देकर बाजार खोलने में छूट दी गई है, परंतु दुकानें खुलने के बाद बाजारों में भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए सभी लोग अनुशासन बना कर रखें, मास्क पहनें, अपने हाथों को धोते रहें और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन अवश्य करें।
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