सत्य खबर, चण्डीगढ़। हरियाणा में समय पर मानसून नहीं आने के कारण सरकार अब धान की रोपाई के संकट को देखते हुए किसानों को एक घंटा अतिरिक्त बिजली आपूर्ति की तैयारी में जुट गई है। माना जा रहा है कि तकनीकी तौर पर अध्ययन के बाद जल्द ही सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल किसानों को आठ घंटे ही बिजली मिल रही है। जिससे उनकी धान की फसल की बिजाई में बाधा आ रही है। वहीं बिजली वितरण निगमों के प्रबंध निदेशक शशांक आनंद के साथ भारतीय किसान यूनियन की बैठक में इस पर सोमवार को इस पर सहमति बन गई थी।
बता दें कि मौजूदा समय में हरियाणा के किसानों के सामने आंदोलन में भाग लेने के साथ-साथ धान की बिजाई करना भी जरूरी है। जबकि प्रदेश में बिजली पूरी नहीं मिलने तथा बारिश नहीं होने के कारण धान की बिजाई अभी तक पूरी तरह से शुरू भी नहीं हो पाई है।
जिसे देखते हुए भाकियू हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में किसानों का प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए चण्ड़ीगढ़ पहुंचा था। किसानों की मांगें सुनने के बाद प्रबंध निदेशक शशांक आनंद ने कहा कि कृषि क्षेत्र में खराब होने वाले ट्रांसफ ार्मर 24 घंटे में बदले जाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो जेई पर कार्रवाई होगी।
कृषि क्षेत्र में अगर बिजली लाइन में कोई फाल्ट आता है तो जितनी देर फाल्ट ठीक होने में लगेगा, उतनी देर की बिजली किसानों को अतिरिक्त दी जाएगी। आदेश की अनुपालन न होने पर किसान अधिशासी अभियंता से शिकायत कर सकते हैं। वहीं उन्होंने बताया कि दक्षिण हरियाणा में दो किले से कम भूमि वाले किसान भी ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकेंगे।
किसान कनेक्शन मिलने के बाद बोर करवाएंगे। बोर का प्वाइंट बताकर उन्हें कनेक्शन के लिए आवेदन करना होगा। किसानों को 8829 कनेक्शन 15 अगस्त तक दिए जाएंगे। इनमें दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के 5857, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के 972 के अलावा पूरे प्रदेश के 2000 केबल कनेक्शन शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने टावरों व बड़ी लाइन की तारों के नीचे की जमीन का मामला भी उठाया। भाकियू ने मांग रखी कि जिस जमीन पर टावर लगे हैं उसका किसानों को 15 लाख प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। जिस जमीन पर से बड़ी लाइन खिंची हैं, उस जमीन का प्रति एकड़ पांच लाख मुआवजा व साल की बीस हजार ठेका राशि मिले।
इस पर शशांक आनंद ने कहा कि इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। अंतिम निर्णय सरकार ही लेगी। इस अवसर पर बीकेयू के प्रतिनिधिमंडल से राकेश बैंस, रामपाल, विक्रम कसाना, संजू गुदियाना, मलकीत सिंह, नरेंद्र सिंह, राकेश आर्य तथा आजाद पालवा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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