सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – नगर में मंगलवार को कार्तिक पुर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस पर्व को लेकर मंदिरों में श्रद्धालुओं ख्खासकर महिला श्रद्धालुओं की भ्विशेष भीड़ देखने को मिली। इस महोत्सव के समापन अवसर पर नगर की पुरानी अनाज मण्डी स्थित श्री सतनारायण मंदिर में हवन का आयोजन किया। बता दें कि पूरे एक महीने तक चलने वाले इस महोत्सव में महिलाओं ने भ्भगवान विष्णु प्रतीमा व पथवारी की परिक्रमा लगाने के साथ-साथ दीप दान, तुलसी, आंवला व पीपल पूजा भी की। मंगलवार को इस महोत्सव का समापन यज्ञ के साथ किया गया।
रमेश शास्त्री के सानिध्य में आयोजित यज्ञ में श्रद्धालुओं ने आहुति डालकर समाज और परिवार की सुख-शांति की कामना की। अपने संबोधन में रमेश शास्त्री ने कहा कि हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है। इसी दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल में वेदों की रक्षा के लिए तथा सृष्टि को बचाने के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था। महाभारत काल में हुए 18 दिनों के विनाशकारी युद्ध में योद्धाओं और सगे संबंधियों को देखकर जब युधिष्ठिर कुछ विचलित हुए तो भगवान श्री कृष्ण पांडवों को गढ़ गंगा ले आए और वहां पर पांडवों ने स्नान व कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तक यज्ञ किया। इसके बाद रात में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दीपदान करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्तिक पूर्णिमा को गोलोक के रासमण्डल में श्री कृष्ण ने श्रीराधा का पूजन किया था।
कार्तिक पूर्णिमा को श्री हरि के बैकुण्ठ धाम में देवी तुलसी का मंगलमय पराकाट्य हुआ था। कार्तिक पूर्णिमा को ही देवी तुलसी ने पृथ्वी पर जन्म ग्रहण किया था। शास्त्रों में वर्णित है कि कार्तिक पुर्णिमा के दिन पवित्र नदी व सरोवर एवं धर्म स्थान में जैसे, गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, गंडक, कुरूक्षेत्र, अयोध्या व काशी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
Aluminium scrap appraisal Aluminium recycling market expansion Scrap metal reclaiming solutions