सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नरवाना की सिंगला धर्मशाला में होम क्वारटाइन किया गया एक मजदूर परिवार भूखे मरने पर मजबूर है। गौरतलब है कि पटेल नगर में किराए पर रहने वाले एक मजदूर वकील सिंह की 11 वर्षीय पुत्री की 10 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी, तो इस परिवार के मुखिया, उसकी पत्नी तथा 2 बच्चों को भी प्रशासन द्वारा सिंगला धर्मशाला में क्वारटाइन कर दिया गया था। घर मे परिवार के मुखिया की वृद्ध मां ही अकेली रह गई थी। जहां स्वास्थ्य विभाग ने एक बार कोरोना पॉजिटिव लड़की को 10 दिन दवाई देकर पल्ला झाड़ लिया, तो प्रशासन ने इस परिवार के लिए खाने का कोई प्रबंध नहीं किया। जबकि यह मजदूर परिवार रोज कमाकर रोज खाने का प्रबंध करता रहा है। किसी न किसी तरह मुखिया की वृद्ध मां सिंगला धर्मशाला में परिवार के लिए खाना लेकर जाती है। उसके लिए भी गली वाले मजदूर की माता को खाना पहुंचाने जाने से दबी जुबान से रोकते रहते हैं। मजदूर के सगे-संबंधी अनिल बडऩपुर, दिनेश आदि ने बताया कि इन हालातों में तो यह मजदूर परिवार कोरोना से मरे या ना मरे, पर भूख से जरूर मर जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि पीडि़ता लड़की को दवाई उसके पिता द्वारा ही खिलाई जानी थी, तो इस परिवार को धर्मशाला में क्वारटाइन क्यों किया गया। घर पर क्वारटाइन रहकर वे खाना-पीना तो अच्छी तरह से कर सकते थे।
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जब इस सम्बंध में ड्यूटी मैजिस्ट्रेट व तहसीलदार अजय कुमार से बात की गई, तो उन्होंने अपने पास इस कार्य के लिए बजट ना होने का हवाला दिया। बाद में जब एसडीएम जयदीप कुमार से बात करनी चाही तो बार-बार फोन करने पर भी उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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