सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान)) :-
शहर के अन्दर आवारा पशुओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है, लेकिन इनकी संभाल करने वाला कोई नहीं हैं। ये आवारा पशु कहीं कूड़ा-कर्कट में मुंह मारते देखे जा सकते हैं और कहीं ठंड में ठिठुरते देखे जा सकते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं की सुध लेने के लिए प्रशासन को पकडऩे के दिशा-निर्देश दिये थे, परन्तु अभी तक प्रशासन ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यही कारण है कि ये आवारा पशु गलियों, सड़कों पर आसानी से देखे जा सकते हैं। शहरवासी सुनील शर्मा, दिनेश, सुरेन्द्र मलिक, लोकेश शर्मा, हरपाल सिंह आदि का कहना है कि आवारा पशुओं में अमेरिकन नस्ल के सांड ज्यादा खतरनाक हैं, जो कहीं भी आपस मेें भिड़ जाते हैं और इसका खामियाजा वाहन मालिकों व आमजन को उठाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि आवारा पशुओं की चपेट में आने से कई व्यक्तियों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ गया था और कई को गंभीर चोटें लग चुकी हैं। फिर भी प्रशासन इससे कोई सबक नहीं ले सका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-पटियाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी रात के समय आवारा पशु बीच सड़क पर खड़े हो जाते हैं, जिससे ये वाहनों की चपेट में आ जाते हैं। उन्होनें प्रशासन से मांग की है कि आमजन के लिए घातक हो रहे आवारा पशुओं से शहरवासियों को राहत दिलाये जाये।
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सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को पकडऩे के लिए प्रस्ताव डाला गया है, उपचुनाव के चलते टेंडर नहीं लगाया जा सका। चुनाव समाप्ति के बाद जिला उपायुक्त से मंजूरी मिलने के बाद गऊशाला में छुड़वाया जायेगा। शहरवासियों को आवारा पशुओं से राहत दिलायी जायेगी।
छवि बंसल
चेयरपर्सन, नगरपरिषद नरवाना।
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