सत्यखरबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नरवाना से कुरूक्षेत्र रेलवे लाइन का पिछले एक साल से 70 करोड़ रूपये की लागत से विद्युतीकरण करने का कार्य किया जा रहा था और यह कार्य फरवरी माह में पूरा किया जाना था, लेकिन रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों ने तय सीमा से पूर्व ही इस कार्य को पूरा कर लिया गया। जिसके बाद रेलवे लाइन के विद्युतीकरण होने पर रेलवे सेफ्टी की टीम ने इलैक्ट्रिक टे्रनों का परिचालन शुरू करने के लिए दिल्ली मंडल के उच्चाधिकारियों को निरीक्षण करने के लिए लिखा। इसके बाद रेलवे सेफ्टी कमिश्नर शैलेश कुमार पाठक, डिप्टी चीफ इंजीनियर प्रदीप सिंह सिंधु व विद्युतीकरण कार्यालय मुख्य अधीक्षक सुधीर हुड्डा के साथ काफी संख्या में अधिकारी व कर्मचारी विशेष ट्रेन से नरवाना रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। रेलवे सेफ्टी कमिश्नर शैलेश कुमार पाठक ने बताया कि नरवाना से कुरूक्षेत्र रेलवे लाइन के विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है, इसलिए रेलवे सेफ्टी की टीम द्वारा 84 किमी. रेलवे लाइन पर बने पुलों, बिजली स्टेशन और नवीनीकरण किये गये स्टेशनों का बारीकी से निरीक्षण किया जायेगा। अगर इस दौरान सब कुछ ठीक पाया गया, तो जल्द ही इस पर इलैक्ट्रिक ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जायेगा। उन्होंने बताया कि विद्युतीकरण करने पर कलायत, सजूमा, कैथल, टीक, पेहवा रोड़, थानेसर के स्टेशनों का पैनल रूम आदि का निरीक्षण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि विद्युतीकरण करने से समय की बचत के साथ रेलवे को भी फायदा होगा। नरवाना स्टेशन से स्पेशल ट्रेन को डीजल इंजन लगाकर रवाना किया गया और बीच में जहां-जहां नवीनीकरण के कार्य किये गये और उनको चैक किया गया और उनकी रिपोर्ट बनाई गई। इसके बाद कुरूक्षेत्र से इलैक्ट्रिक इंजन के साथ नरवाना वापिस सेफ्टी टीम आई।
रेलवे व यात्रियों को होगा फायदा
नरवाना के स्टेशन अधीक्षक मुंशी राम ने बताया कि नरवाना से कुरूक्षेत्र लाइन के विद्युतीकरण होने से रेलवे और यात्रियों को फायदा होगा। रेलवे को यह फायदा होगा कि जहां डीजल इंजन से रोजाना हजारों रूपये खर्च होते थे और प्रदूषण भी होता था। इससे अब काफी रूपयों की बचत होगी। वहीं यात्रियों को यह फायदा होगा कि यात्री अपने गंतव्य पर जल्दी पहुंच सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस लाइन पर ट्रेनों की गति 65 किमी. प्रति घंटा थी, जो अब जाकर 75 किमी. हो जायेगी। इससे कुरूक्षेत्र पहुंचने में आधा घंटा कम समय लगेगा और सुपरफास्ट ट्रेन में लगभग 45 मिनट की बचत होगी। उन्होंने बताया कि अभी केवल जो पहले ट्रेन चल रही हैं, वो ही चलेंगी। नई ट्रेनों के परिचालन के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
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