सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
देश में लॉकाडाउन को अनलॉक करने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा रोडवेज की बसों को सभी रूटों पर चलाने की अनुमति दे दी थी। ताकि कहीं भी फंसे लोग अपने घरों को जा सके। सरकार द्वारा 3 जून को रूटों पर बसें चलाने के आदेश के रोडवेज कर्मचारियों द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई थी और यात्रियों की थर्मल स्केनिंग करने के बाद ही आगे गतंव्य पर बसें भेजी जा रही हैं। वहीं नरवाना सब डिपो पर भी कैथल, टोहाना, जींद, हिसार और चंडीगढ़ पर बसें भेजी जा रही हैं। परंतु चंडीगढ़ व जींद रूटों को छोड़कर अन्य रूटोंं पर सवारियां ही नहीं मिल पा रही हैं। जिस कारण बसों के चक्कर मिस हो रहे हैं। रोडवेज कर्मचारियों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सवारियां मिलनी मुश्किल हो रही हैं। बसों को काउंटर पर लगभग एक घंटा से ज्यादा समय तक लगाना पड़ता है। तब जाकर 15-20 सवारियां हो पाती हैं। उन्होंने बताया कि जींद व चंडीगढ़ रूट पर तो सवारियां हैं, लेकिन अन्य रूटों पर है ही नहीं। उन्होंने बताया कि रविवार को कैथल व टोहाना जाने के लिए इक्का-दुक्का सवारी ही थी, जिस कारण बसों के एक चक्कर मिस हो गये। वहीं हिसार जाने के लिए 7 सवारियां मिली, तो वापिसी में 5 सवारियां ही आई। जींद रूट पर जाते समय 14 सवारियां थी, तो आते वक्त 17 थी। इसके अलावा टोहाना के लिए 3 यात्रियों के साथ बस को भेजना पड़ा। वहीं वापिसी में केवल 6 सवारियां आईं।
डीजल की लागत भी नहीं हो रही पूरी
प्रदेश सरकार के आदेशानुसार बसों को रूटों पर भेजा तो जा रहा है, लेकिन विभिन्न रूटों पर यात्री न होने पर बसों को 10 से कम संख्या होने पर ही भेजा जा रहा है। जिस कारण बसों को चलने से डीजल की लागत भी पूरी नहीं हो रही है। रोडवेज कर्मचारियों ने बताया कि यात्रियों के इंतजार में बस को काफी समय तक काउंटर पर लगाना पड़ता है। फिर भी यात्री नहीं मिल पाते। ऐसे में रोडवेज विभाग में घाटा होना लाजिमी है।
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