सत्य खबर, नारायणगढ़, (सरिता धीमान)। खंड नारायणगढ़ के खानपुर राजपुताना के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के भवन में बने प्ले स्कूल का निरीक्षण प्रधानाचार्य अंजू अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर मुख्याध्यापक सुरेन्द्र धीमान भी मौजूद रहे। प्रधानचार्य अंजू अग्रवाल ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में लागू होने जा रही है जो शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक सुधार करेगी। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा प्रणाली में 3 से 6 वर्ष की आयु तक बच्चा आंगनवाड़ी / प्ले स्कूल में खेल-खेल में सिखेगा जिसके बाद कक्षा 1 से कक्षा 12 तक स्कूली शिक्षा होगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 34 वर्ष पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की जगह लेगी। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए 10 + 2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10 + 2 के हिसाब से चल रहा है लेकिन अब स्कूली पाठ्यक्रम 5 + 3 + 3 + 4 के हिसाब से चलेगा। इसका मतलब है कि अब स्कूली शिक्षा को 3 से 8 वर्ष , 8 से 11 वर्ष , 11 से 14 वर्ष और 14 से 18 वर्ष की आयु में विभाजित किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक शिक्षा से दूर रखे गए 3 से 6 वर्ष आयु के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है जो बच्चे के मानसिक विकास के लिए जरूरी है। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है जिसका लक्ष्य पूर्व-प्राथमिक शिक्षा (3 से 6 वर्ष की आयु सीमा) को सार्वभौमिक बनाना है। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा ओर अधिक प्रभावी ढंग से उपलब्ध कराना है जिससे बच्चों को सर्व सुलभ, बुनियादी शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त होगी। फाउंडेशन स्टेज के अंतर्गत पहले तीन वर्ष बच्चों को आंगनबाड़ी में प्री-स्कूलिंग शिक्षा लेना होगा। इसके बाद बच्चे अगले 2 वर्ष तक कक्षा 1 एवं 2 प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ेंगे। इसमें 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों को कवर किया जायेगा। उनके लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया जायेगा और 5 वर्ष तक शिक्षा ग्रहण कर उनका पहला चरण समाप्त हो जायेगा। इस प्रणाली में 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई स्थानीय भाषा में होगी। इसके बाद प्रीपेटरी स्टेज में कक्षा तीन से कक्षा पांच तक की पढ़ाई स्थानीय भाषा में होगी। बच्चा अपनी इच्छानुसार अंग्रेजी भाषा में भी पढ़ाई कर सकता है। इसमें आयु वर्ग 8 से 11 वर्ष तक होगा। इसके बाद मिडिल स्टेज में कक्षा 6 से कक्षा 8 तक की पढ़ाई होगी जिसमें 11 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चे होंगे। इसके बाद सैकेण्डरी स्टेज में कक्षा 9 से 12 तक होगी। यहां सैमेस्टर वाईज परीक्षा होगी। इसमें आयु वर्ग 14 से 18 वर्ष तक होगा। यहां कोई स्ट्रीम नहीं चुना जायेगा। स्ट्रीम को हटा दिया गया है अब विद्यार्थी मल्टीपल यानि अपनी पंसद के सबजेक्ट ले सकते हैं।
शिक्षा नीति के सिद्धांत के तहत प्रत्येक बच्चे की क्षमता की पहचान एवं क्षमता का विकास करना, साक्षरता एवं संख्यामकता के ज्ञान को बच्चों के अंतर्गत विकसित करना, शिक्षा को लचीला बनाना, एक सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में निवेश करना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विकसित करना, बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोडऩा, उत्कृष्ट स्तर पर शोध करना, बच्चों को सुशासन सिखाना एवं सशक्तिकरण करना, शिक्षा नीति को पारदर्शी बनाना, तकनीकी यथासंभव उपयोग पर जोर, मूल्यांकन पर जोर देना, विभिन्न प्रकार की भाषाएं सिखाना, बच्चों की सोच को रचनात्मक एवं तार्किक करना सुनिश्चित किया जायेगा। नई शिक्षा प्रणाली में छात्र अपने पसंदीदा विषय का चुनाव कर सकेंगे। कला एवं विज्ञान, पाठ्यक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों के बीच और व्यावसायिक और शैक्षणिक विषयों के बीच कोई अंतर नहीं होगा। छात्रों को नई शिक्षा नीति के तहत लचीलापन मिलेगा और पसंदीदा विषय चुनने के लिए कई विकल्प दिए जायेंगे। स्कूलों में छठीं कक्षा से ही व्यावसायिक शिक्षा शुरू हो जायेगी और इसमें इंटर्नशिप शामिल होगी। स्कूल के पाठ्यक्रम और अध्यापन-कला का लक्ष्य होगा कि प्रमुख कौशल या व्यावहारिक जानकारियों से विद्यार्थियों को लैस करके उनका समग्र विकास किया जाए और अनुभवात्मक शिक्षण पर अधिक फोकस करने के लिए पाठ्यक्रम को कम किया जाए। इस अवसर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रजवंत कौर भी मौजूद थी।
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