सत्य खबर, नारायणगढ़ (सरिता धीमान)। नारायणगढ़ शुगर मिल के बारे माननीय सुप्रीम कोर्ट के कुर्की के आदेश आने के बाद एडवोकेट धर्मवीर ढीडसा अध्यक्ष संयुक्त किसान मजदूर इंकलाब यूनियन व विक्रम राणा प्रदेश उपाध्यक्ष भाकियू भगत सिंह गुट, संयुक्त गन्ना किसान कमेटी के प्रधान गुरविंदर सिंह तथा किसान नेता मदन पाल राणा आदि ने अन्य किसानों सहित एसडीएम कार्यालय नारायणगढ़ में धरना दिया। किसानों ने हरियाणा सरकार व नारायणगढ़ प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरने में भारतीय किसान यूनियन भगत सिंह गुट व संयुक्त किसान मजदूर इंकलाब यूनियन तथा गन्ना किसान कमेटी के पदाधिकारियों ने भाग लिया। एडवोकेट धर्मवीर ढीडसा अध्यक्ष संयुक्त किसान मजदूर इंकलाब यूनियन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने नारायणगढ़ शुगर मिल के कुर्की के आदेश जारी किए हैं। किसानों की गत वर्ष की गन्ने की बकाया पेमेंट तथा मौजूदा पिराई सत्र की पेमेंट तथा फसल ऋण सहित करीब 125 करोड़ रूपये की पेमेन्ट शुगर मिल की ओर बकाया है। किसानों के 100 करोड़ रूपये से ज्यादा बकाया राशि के ऊपर नंगी तलवार लटकती नजर आ रही है। प्रशासन द्वारा किसानों को अंधेरे में रखा गया अगर शुगर मिल की कुर्की होनी थी तो प्रशासन ने पूरी जानकारी होते हुए भी किसानों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कार्रवाई से अवगत क्यों नहीं कराया गया। अगर शुगर मिल कुर्क होती है तो किसानों के 100 करोड़ रूपये से अधिक बकाया राशि का जिम्मेदार कौन होगा। गठबंधन सरकार और स्थानीय प्रशासन किसानों की मांगों की अनदेखी कर रहा है। हरियाणा सरकार व नारायणगढ़ प्रशासन की देखरेख में शुगर मिल चल रही है और किसानों का गन्ना हरियाणा सरकार व नारायणगढ़ प्रशासन की देखरेख में ही शुगर मिल में डाला जा रहा है। सरकार व प्रशासन को कईं मास पहले से पता था कि शुगर मिल की सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश आ चुके हैं तो किसानों का गन्ना शुगर मिल में क्यों गिरवाया जा रहा है। शुगर मिल कुर्क होती है तो सरकार व प्रशासनिक अधिकारी बताएं कि किसानों की पूरी पेमेंट की जिम्मेवारी किसकी होगी। किसानों का गन्ना सरकार ने लिया है शुगर मिल को सरकार चला रही है तो फसल ऋण और अन्य पेमेन्ट की जिम्मेवारी भी सरकार की है। किसानों की पेमेंट की जिम्मेवारी सरकार व नारायणगढ़ प्रशासन द्वारा ली जाए। विक्रम राणा प्रदेश उपाध्यक्ष भाकियू भगत सिंह गुट ने कहा कि शुगर मिल की कुर्की के आदेश आ गए हैं लेकिन किसानों का पक्ष तो सुना ही नहीं गया। सरकार को किसानों को आश्वासन देना चाहिये था कि किसानों की पेमेंट सुरक्षित रहेगी। नारायणगढ़ प्रशासन व हरियाणा सरकार किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। जिसे सहन नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का शुगर मिल की ओर करोड़ों रूपये बकाया है उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। उपमंडल अधिकारी नारायणगढ़ कम सीईओ शुगर मिल इस मिल को सरकारी कंट्रोल में लेकर चला रही हंै लेकिन किसानों के बकाया पैसे की जिम्मेदारी नहीं लेती इसलिए किसान धरना दे रहे हैं। संयुक्त गन्ना किसान कमेटी के प्रधान गुरविंदर सिंह ने कहा कि धरना प्रदर्शन जारी रहेगा और किसानों के हक की लड़ाई और एक-एक पैसा मिल से किसानों का दिलवाया जाएगा। संयुक्त किसान मजदूर इंकलाब यूनियन के उत्तरी हरियाणा के प्रभारी संजीव बख्तुआ ने कहा कि अगर कोई कानूनी लड़ाई है वह भी सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार को ही खुद किसानों का केस लडऩा चाहिए। नारायणगढ़ उप मंडल कार्यालय में किसान संगठनों के धरने को अनेक किसानों ने संबोधित किया और कहा की सरकार नारायणगढ़ के किसानों की शुद्ध नहीं ले रही और उनका शोषण कर रही है मिल में आम तौर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। किसान नेता मदन पाल राणा ने कहा कि किसान शुगर मिल से बकाया पेमेंट व मौजूदा सत्र की पेमेंट की मांग को लेकर एसडीएम नारायणगढ़ कार्यालय के सामने धरने पर बैठे हैं। सरकार से मांग है कि किसानों का पैसा दिलवाया जाये व शुगर मिल को कोपरेटिव सैक्टर में लेकर चलाने का काम करे। शुगर मिल को नीलाम न किया जाये व किसानों की पेमेंट की जिम्मेवारी सरकार द्वारा ली जाये। धरने में भारी संख्या मेंं किसान मौजूद थे।