सत्य खबर सफीदों – सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में कल कैबिनेट की बैठक हुई थी। जिसमें पिछड़ा वर्ग A {बी सी ए) के लिए पंचायत में 8 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किया गया, जोकि सिर्फ BC(A) के लिए ही होगा, इसमें BC(B) में आने वाली जातियां शामिल नहीं होगी। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के मतदाता अच्छी संख्या में हैं। प्रदेश के 27 फीसदी बैकवर्ड मतदाताओं की सरकार बनाने में अहम भूमिका रहती हैं। इस घोषणा से हरियाणा के बी सी ए वर्ग में खुशी का माहौल है यह बयान बीजेपी के आई टी सेल के प्रेदश कार्यकारिणी मेम्बर राजबीर रोहिला ने कही जो खुद बी सी ए वर्ग से सम्बन्ध रखते है 8%हिस्सेदारी से इस कामगार वर्ग को राजनीति में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा जिसके आने वाले समय दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे जिनमें से 15 फीसदी BC (A) और 11 फीसदी BC (B) कैटेगिरी से संबंध रखते हैं। ढाई दशक पहले भजन लाल सरकार द्वारा बैकवर्ड क्लास को कैटेगिरी A और कैटेगिरी B में divide किया गया था।
अभी तक बैकवर्ड क्लास की कुछ जातियां ही लगातार आरक्षण का फायदा उठा रही थी, जिससे उन जातियों की क्रीमी लेयर भी तैयार हो गई थी और वो आर्थिक रुप से भी काफी मजबूत हो गई थी। पंचायतों में भी उन जातियों का पहले से ही काफी वर्चस्व था।
आरक्षण से फायदा उठा पाने से वंचित पिछड़ी जातियों के लिए मनोहर लाल सरकार ने पंचायत में 8 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की हैं। BC (B) में आने वाली जातियां तो पहले से ही आरक्षण का पूरा फायदा उठा रही थी, लेकिन BC (A) में आने वाली जातियां ज्यादा लाभ नहीं ले पा रही थी।
सरकार द्वारा 8 फीसदी आरक्षण दिए जाने के बाद पंचायतों में BC (A) वर्ग की जातियों को PROPER प्रतिनिधित्व तो मिलेगा ही, इससे बैक्वर्ड क्लास की कुछ गिनी-चुनी जातियों का वर्चस्व भी कम हो जाएगा। वैसे भी बैकवर्ड क्लास A में ज्यादातर उन जातियों के लोग आते हैं, जो कामकार होते हैं, यानी उसमें आने वाले ज्यादातर लोग अपने हाथ से काम करते हैं, चाहे वो नाई हो, कुम्हार हो, लोहार हो, सुनार हो, खाती हो या फिर इसी वर्ग में आने वाले दूसरी जाति के लोग। ये वो वर्ग हैं जिसकी प्रदेश में कांग्रेस की सरकारे बनवाने में अहम भूमिका रही, इन्ही के वोटों के सहारे कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर काबिज होती रही थी। अब आरक्षण का दांव खेलकर मनोहर लाल सरकार ने कांग्रेस के लंबे वक्त तक रहे वोट बैंक को कब्जाने की कोशिश की हैं।
2017 में हुए यूपी के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को नॉन यादव ओबीसी का पूरा साथ मिला था, लेकिन हरिय़ाणा में यादव भी बीजेपी के साथ दिखाई दे रहा हैं, क्योंकि अहीर बहुल सीटों की वजह से ही प्रदेश में बीजेपी की दो बार लगातार सरकार बनी हैं, ऐसे में आरक्षण के दांव से बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं, एक तो समूचा बैकवर्ड समाज उसके साथ जुड़ सकता हैं, दूसरा इस वोटर के एकमुश्त बीजेपी के साथ जुड़ने से प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो सकती हैं,प्रदेश में कांग्रेस कमजोर होगी बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाएगी पिछली किसी भी सरकार ने बी सी ए वर्ग को मजबूत करने की कभी नही सोची सिर्फ वोटबैंक की तरह यूज किया है
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