सत्य खबर, चंडीगढ़
इन दिनों सरकार और प्रशासन पंचायती चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने में लगा है। बता दें कि करीब एक महीने से नये सिरे से वार्ड बंदी का काम चल रहा है। वार्डों के एरिया में हुई अदला-बदली से चुनाव लडऩे के इच्छुक कई नेताओं का सियासी सिस्टम डगमगा गया है तो वहीं वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि चाहे जो भी कर लिया जाए, पर उनकी जीत पक्की है।
बता दें कि जिला परिषद व पंचायत समितियों की वार्ड बंदी अभी जारी है। इनका प्रारंभिक प्रकाशन हाल ही में हुआ था। ज्यादातर वार्डों के एरिया में फेरबदल हुई है। इससे महीनों से मेहनत कर रहे कई संभावित उम्मीदवारों का सियासी सिस्टम गड़बड़ा गया है।
उल्लेखनीय है कि विपक्षी दलों के चुनाव लडऩे के इच्छुक लोगों के लिए यह समस्या खासतौर पर बढ़ी है। महीनों से जन संपर्क करने वाले एक संभावित उम्मीदवार ने कहा कि उसके वार्ड से आधा दर्जन से ज्यादा गांव दूसरे वार्ड में चले गए हैं। अब उसे बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। तो वहीं प्रदेश के एक जिला के कांग्रेसी नेता एवं जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन श्याम सुंदर बतरा ने कहा कि कुछ भी कर लिया जाए, लेकिन जिला परिषद व पंचायत समितियों के चेयरमैन कांग्रेस का ही बनेंगे।
वहीं बसपा के वरिष्ठ नेता आदर्श पाल गुर्जर का कहना है कि सरकार की नीतियों व मनमर्जी से जनता नाखुश है। इसका नतीजा पश्चिम बंगाल के विधानसभा तथा उत्तर प्रदेश के पंचायती चुनावों के परिणामों के रूप में सबके सामने है।
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तो वहीं इनेलो नेता का भी कहना है कि भाजपा व जजपा सरकार अपने नेताओं की इच्छाओं के अनुसार वार्डबंदी कर रही है फिर भी इस बार न केवल पंचायती चुनावों में बल्कि विधानसभा चुनावों में भी भाजपा व जजपा को मूंह की खानी पड़ेगी।
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