पंजाबी बिरादरी ने उठाई आवाज, मुख्यमंत्री स्वयं लड़े गुरुग्राम से चुनाव
सत्यखबर गुरुग्राम (गौतम वशिष्ठ) – विधानसभा सीट पर अब पंजाबी समाज एकजुट होने लगा है। इसी सिलसिले में पंजाबी समाज के लोग मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले। हालांकि मुख्यमंत्री का गुरुग्राम में कोई खास दौरा नही था। वह झज्जर से सभा करके गुरुग्राम के पीडब्लूडी रेस्ट हाउस पहुँचे थे। और इस दौरान वह पंजाबी बिरादरी के लोगो से ही मिले। इस दौरान पंजाबी बिरादरी के लोगो ने मुख्यमंत्री से स्वयं गुरुग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही।
वही गुरुग्राम विधानसभा सीट पंजाबी बाहुल्य सीट मानी जाती है इस सीट पर लगभग 3,26,000 वोटर है जिनमे 90,000 वोटर पंजाबी बिरादरी का है। इसलिए पंजाबी समाज चाहता है कि मुख्यमंत्री स्वयं गुरुग्राम विधानसभा से चुनाव लड़े। इतना ही नही इस सीट पर धर्मवीर गाबा ने चार बार जीत दर्ज की है। और पिछले दो कार्यकालों में धर्मवीर गाबा हार गए थे। अभी फिलहाल गुरुग्राम विधानसभा सीट से भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल है। ऐसे में पंजाबी समाज चाहता है कि यह सीट पंजाबी समाज के हाथों से न जाए और भाजपा से पंजाबी नेता को ही टिकट मिले। वही मुख्यमंत्री ने भी आश्वाशन दिया है कि उनकी मांग को आलाकमान तक पहुँचाया जाएगा।
हालांकि दस सालों से इस सीट पर पंजाबी समाज का नुमाइंदा नही जीता है ।इसलिए मुख्यमंत्री को स्वयं इस सीट पर पंजाबी समाज चुनाव लड़वाना चाहता है ताकि यह सीट पंजाबी बिरादरी के पास ही रहे। और इस सीट पर पंजाबी केंडिडेट के तौर पर आने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री स्वयं इस सीट पर लड़े। वही पंजाबी नेताओ का यह भी कहना है कि यदि मुख्यमंत्री स्वयं इस सीट पर चुनाव लड़ेंगे तो इस क्षेत्र में जो गुटबाजी है वह भी दूर हो जाएगी और जो पंजाबी नेता टिकट की मांग कर रहे है वह सब मुख्यमंत्री के साथ स्वयं खड़े दिखाई देंगे। इतना ही नही पंजाबी समाज के लोगो ने यह भी कहा कि पंजाबी ज्यादातर भाजपाई है और संघ की शाखा में भी जाकर प्रेरणा ली है।
जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है वैसे वैसे भाजपा के मौजूदा विधायको की टिकट भी कटघरे में है वह इसलिए क्योंकि जिन विधायको ने कुछ समय पहले भाजपा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी और मुख्यमंत्री को आंखे दिखाने की कोशिश की थी ऐसे में अब मुख्यमंत्री भी स्वयं उन विधायको की टिकट काटने में कोई गुरेज नही करेंगे और एक कारण यह भी है कि यदि किसी विधायक की छवि पर अपने कार्यकाल में दाग लगा है उसकी भी टिकट कटने की आशंका है। ऐसे में पंजाबी समाज द्वारा मुख्यमंत्री को गुरुग्राम विधानसभा से चुनाव लडाने की बात कितनी सिद्ध होती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन इस बात से कई नेताओं की नींद जरूर उड़ जाएगी ।क्योंकि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में हरियाणा में भाजपा को दस की दस लोकसभा सीट जीतने के बाद हर प्रत्याशी भाजपा की टिकट पाकर अपने आपको अपनी जीत सुनिश्चित मानता है।