सत्य खबर, अंबाला
2022 में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने है। चुनावों से पहले पंजाब की राजनीति में नया सियासत मोड़ आ गया है। जिसने सभी राजनीतिक दलों में हलचल पैदा कर दी है। दरअसल, मिशन पंजाब 2022 के तहत भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया है। चढूनी ने साफ तौर पर कहा है कि आगामी पंजाब चुनाव के मद्देनजर अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे और चुनावी मैदान में उम्मीदवार उतारेंगे।
इतना ही नहीं, चढूनी ने यह भी कहा है कि आगामी पंजाब में मॉडल प्रस्तुत करते हुए हरियाणा के लिए भी तैयारी में जुट जाएंगे। ये ऐसान चढूनी ने संविधान दिवस और सर छोटू राम की जयंती के अवसर पर अंबाला शहर में आयोजित कार्यक्रम किया। हालांकि, कई किसान नेताओं ने चढूनी के इस कार्यक्रम से दूरी बना ली। तो वहीं, चढूनी ने किसान आंदोलन पर बोलते हुए कहा कि सरकार ने अभी केवल ऐलान किया है कि वह कृषि कानूनों को वापस ले रही है।
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लेकिन अभी एमएसपी गारंटी कानून, किसानों पर दर्ज किए गए केस को वापस लेने और जिन किसानों की आंदोलन के दौरान मृत्यु हुई है उन्हें मुआवजा देने संबंधी मांग लंबित है। जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक उनका प्रदर्शन इसी प्रकार जारी रहेगा। इस दौरान उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भी पहले जैसे ही भागीदारी निभाते हुए आगे बढ़ने का संदेश दिया। गुरनाम सिंह ने कहा कि पंजाब में उसका राज होना चाहिए, जिसके पास वोट हैं, ना की उनका राज, जिसके पास नोट हैं। इस दौरान उन्होंने बोलते हुए कहा कि नोटों से नहीं वोटों से राज किया जाना चाहिए। जब वोट से कोई बनेगा, तब ही वोट वालों की सुनवाई होगी। गुरनाम सिंह ने स्पष्ट कहा कि वह पंजाब से चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन वहां पर लोगों को चुनाव लड़वाएंगे।
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