सत्यखबर, चण्डीगढ़
चुनावी सीजन में पंजाब के किसानों को पेंशन स्कीम का तोहफा मिल सकता है । सरकार 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को 2000 रुपये प्रति माह पेंशन देने पर विचार कर रही है । इसके लिए बुजुर्ग किसानों का सर्वे शुरू करवा दिया है, ताकि पता चल सके कि 60 वर्ष से अधिक आयु के कितने किसान हैं । सर्वे पूरा होने के बाद खर्च को देखते हुए सरकार इस पर फैसला ले सकती है । पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि वे किसानों को आर्थिक तौर पर मजबूत देखना चाहती है । अगर अन्य वर्गों को पेंशन जैसी सुविधाएं मिल सकती हैं तो किसानों को क्यों नहीं । सरकार बुजुर्ग किसानों को पेंशन देने के लिए एक कमेटी गठित करने जा रही है । इसमें वित्त, कृषि विभाग के अधिकारी, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और किसान संगठनों के नेता शामिल होंगे ।
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बुजुर्ग किसानों के लिए अच्छी योजना
कृषि अर्थशास्त्री देविंदर शर्मा का कहना है कि यह बहुत अच्छा कदम है। दूसरे राज्यों को भी इस तरह की पहल करनी चाहिए ताकि बुजुर्ग किसानों का भला हो सके । पंजाब सरकार इस पर काम कर रही है, जिसमें लाभार्थी किसानों को कोई प्रीमियम नहीं देना है । यूरोप में 55 साल से अधिक उम्र के किसानों को पैसा मिलता है । इसलिए भारत में भी ऐसी पहल होनी ही चाहिए । पंजाब में इसे लागू होने के बाद दूसरे राज्यों पर भी ऐसा करने का दबाव बढ़ेगा ।
किसान मानधन स्कीम का क्या हुआ?
केंद्र सरकार ने भी बुजुर्ग किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के नाम से पेंशन स्कीम लागू की हुई है । लेकिन इसमें किसानों को उम्र के हिसाब से 55 से लेकर 200 रुपये प्रतिमाह तक प्रीमियम देना होता है । इतना ही बीमा प्रीमियम केंद्र सरकार जमा करती है । किसानों को 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद 3000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 सितंबर 2019 को झारखंड में एक किसान कार्यक्रम के दौरान इसकी शुरुआत की थी । अब तक 21.40 लाख किसान इसमें शामिल हुए हैं । इसके लिए 18 से 40 साल तक की उम्र के किसान रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं । इससे अधिक उम्र के किसान इसका लाभ नहीं ले सकते । यानी केंद्र सरकार की पेंशन पाने के लिए किसी किसान को न्यूनतम 20 साल और अधिकतम 42 साल प्रीमियम भरना होगा । इसलिए मानधन योजना के लिए किसानों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई । जबकि मानधन योजना का प्रबंधन भारतीय जीवन निगम कर रहा है ।
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