सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है, क्योंकि एक पत्रकार जहां, समाज की उम्मीदों से जुड़ा सरोकार है, वहीं एक कलमकार की ताकत का पैमाना उसकी सच्चाई होती है। इसीलिए तो वह लाखों की भीड़ में भी अपनी अलग पहचान रखता है। यह कथन शिक्षाविद व अंग्रेजी प्रवक्ता राममेहर बैनिवाल ने पत्रकारिता दिवस के मौके पर इससे जुड़े सभी कर्मयोगियों को बधाई देते हुए कहे। बैनिवाल ने कहा कि पत्रकारिता की समाज में लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसीलिए तो लोगों के बीच प्रेस की विश्वनीयता सालों से कायम है। अब कोरोना संकट के समय में भी यह तो सही है कि स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस तथा सफाई कर्मचारियों ने इस जंग में बहादुरी से लडऩे का काम किया है। इसके अतिरिक्त पत्रकारों ने भी जोखिम उठाकर पाठकों तक पूरी जानकारी पहुंचाई है। कहा जा सकता है कि सीमा पर जवान, खेत में किसान और पुख्ता जानकारी देने में पत्रकारों का भी कोई मुकाबला नहीं है।
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