सत्य खबर हरियाणा
प्रदेशभर में बेसहारा पशुओं के सींगों पर रिफ्लेक्टिव टेप लगाई जाएगी और बिना सींग वाले पशुओं के गले में पट्टा बांधा जाएगा, ताकि सर्दियों के मौसम में होने वाली दुर्घटनाओं को टाला जा सके। सभी आरटीए सचिवों और सहायक सचिवों के वाहनों में एक महीने के अंदर जीपीएस सिस्टम लगवाना होगा। हल्के वाहनों हेतु लाइसेंस बनवाने के लिए कम से कम 10 दिन का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाएगा। बिना प्रशिक्षण लाइसेंस जारी नहीं होगा। यह निर्देेश गुरुवार को परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने जारी किए। वे राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक कर रहे थे।
मंत्री ने सभी संबंधित विभागों को दुर्घटना संभावित बिंदुओं के रेक्टिफिकेशन से जुड़े मामले 30 नवंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए। सड़क सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में हरियाणा विजन जीरो का अहम योगदान रहा है। इसलिए इसे पुन: शुरू करने के लिए संभावना तलाशी जानी चाहिए। जल्द गन्ने का सीजन शुरू होने वाला है, इसलिए ट्रैक्टर-ट्रॉली के पीछे भी रिफ्लेक्टिव टेप लगाई जाए।
सभी टोल प्लाजा कर्मियों की ड्रेस पर नाम भी लिखा होगा
मंत्री ने आदेश दिए कि सभी टोल प्लाजा पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य किया जाए, जिस पर कर्मचारी का नाम भी स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। शिकायत दर्ज करवाने के लिए रजिस्टर रखा जाए और फोन नंबर भी उपलब्ध करवाया जाए ताकि किसी व्यक्ति को किसी तरह की परेशानी होती है तो वह तुरंत अपनी शिकायत दर्ज करवा सके। टोल प्लाजा पर अधिक भीड़ होने पर सरकारी वाहनों को साइड से निकलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
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स्कूल बसों में क्षमता से अधिक बच्चे न बैठाए जाएं
स्कूल खुलने पर स्कूल बसों की नियमित जांच करके सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के प्रावधानों का पालन किया जाए। बसों में क्षमता से अधिक बच्चे न बैठाए जाएं। छात्राओं वाली बसों में महिला सहायक को तैनात किया जाए। नाबालिग बच्चों द्वारा ड्राइविंग के मामलों में सख्ती से निपटा जाए। साइनेज, ओवरलोडिंग, स्पीड ब्रेकर और बैरियर तोड़ने जैसे सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी मामलों की निगरानी और रिर्पोटिंग के लिए समेकित एप बनाना चाहिए।
राजमार्गों पर दो किलोमीटर पहले लगेंगे साइन बोर्ड
राजमार्गों खासकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर साइन बोर्ड न होने या ठीक से दिखाई न देने के कारण लोगों को काफी असुविधा होती है। उन्हें कई किलोमीटर से वापस आना पड़ता है। इन मार्गों पर पड़ने वाले शहरों में प्रवेश के लिए कम से कम दो किलोमीटर दूर बड़े-बड़े साइनेज बोर्ड लगाने चाहिए, जोकि दूर से दिखाई दें। ट्रॉमा केयर आदि से संबंधित साइन बोर्ड लगाए जाएं। साइन बोर्ड से जानकारी दें कि दुर्घटनाग्रस्त को उपचार के लिए कहां जाना है।
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