सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: उपायुक्त नरेश नरवाल ने कहा है कि पशुपालन विभाग की योजनाएं अपना कर युवा वर्ग अपनी बेरोजगारी को दूर कर सकता है। डेयरी उद्योग एक ऐसा व्यवसाय है, जिसकी मांग सदैव बाजार में रहती है। नरेश नरवाल ने आज कहा कि हरियाणा सरकार की पशुपालन व डेयरी स्कीम युवाओं के लिए स्वरोजगार का बेहतर माध्यम बन सकती है। उन्होंने बताया कि बीस पशुओं की डेयरी खोलने के लिए प्रार्थी के पास कम से कम दो एकड़ भूमि होनी चाहिए, जिससे हरे चारा का प्रबंध हो सके। खुद की जमीन ना हो तो यह जमीन किसी अन्य भूस्वामी से लंबे समय के लिए पट्टïे पर भी ली जा सकती है। इसी प्रकार पचास पशुओं की डेयरी के लिए पांच एकड़ भूमि की आवश्यकता है। इस योजना में आवेदक को डेयरी स्थापित होने के तीन माह बाद 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। आवेदक की आयु 18 से 55 साल के बीच होनी चाहिए। इसके लिए पशुपालन विभाग के ऑनलाईन पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है। सामान्य श्रेणी और अनुसूचित वर्ग के लिए विभाग की तीन, पांच व दस दुधारू गाय या भैंस पालन की डेयरी स्कीम चलाई जा रही हैं।
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उपायुक्त ने कहा कि सुअर पालन, भेड़ पालन व बकरी पालन के लिए पशुपालन विभाग अनुदान सहित आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है। इन पर अधिकतक 25 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि एससी आवेदक के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, एनओसी, कैंसिल चैक, जाति प्रमाण-पत्र, परिवार पहचान पत्र आदि दस्तावेज होने चाहिए। इसमें लाभार्थी को पचास प्रतिशत अनुदान का लाभ दिया जाता है। उन्होंने बताया कि मुर्राह नस्ल की भैंस तथा हरियाणा एवं साहीवाल नस्ल की गायों के दुग्ध उत्पादन पर भी पशुपालन विभाग की ओर से ईनाम की राशि दी जाती है। श्री नरेश नरवाल ने कहा पोलट्री फार्मिंग में भी पशुपालन व डेयरी विभाग बीपीएल व अनुसूचित वर्ग के युवाओं की सहायता कर रहा है।
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