सत्य खबर, लखनऊ
पश्चिमी यूपी के छह जिलों बागपत, सहारनपुर, मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर और शामली में सपा गठबंधन को बीजेपी ने कड़ी टक्कर दी है. यहां से अखिलेश-जयंत को काफी उम्मीद थी लेकिन बीजेपी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.
(UP Assembly Elections 2022) के लिए मतगणना जारी है और बीजेपी (BJP) एक बार फिर बड़े अंतर से जीतती नज़र आ रही है. सपा (Samajwadi Party) का प्रदर्शन सुधरा जरूर है लेकिन बहुमत से वह काफी दूर रह गई है. उधर बसपा (BSP) और कांग्रेस (Congress) का यूपी चुनावों के इतिहास में सबसे बुरा प्रदर्शन रहा है. किसान आंदोलन के बाद अखिलेश (Akhilesh Yadav) और सपा गठबंधन की पार्टियों को पश्चिमी यूपी के 6 जिलों से खासी उम्मीद थी. माना जा रहा था कि यहां के किसानों में बीजेपी के प्रति काफी गुस्सा है, हालांकि रुझानों से जो स्थिति साफ़ हो रही है उससे स्पष्ट हो रहा है कि यहां वोटर्स बीजेपी से छिटके जरूर हैं लेकिन फिर भी पूरी तरह से उन्होंने योगी सरकार से मुंह नहीं मोड़ा है.
ताजा स्थिति की बात करें तो पश्चिमी यूपी के 6 जिलों की कुल 34 विधानसभा सीटों में से 17 पर सपा गठबंधन जबकि और 17 पर ही बीजेपी आगे चल रही है. अभी क्या है स्थिति?
मुजफ्फरनगर जिले की 6 सीटों में 4 पर बीजेपी जबकि दो 2 पर रालोद आगे चल रही है.
बिजनौर में 8 में से 4 सीटों पर बीजेपी और 4 पर सपा की बढ़त बरकरार है.
मेरठ की 7 सीटों में 4 सीट पर बीजेपी और 3 पर सपा गठबंधन की बढ़त है.
शामली में 3 में 1 सीट पर बीजेपी जबकि 2 पर रालोद आगे है.
बागपत में तीन में एक सीट पर बीजेपी और दो पर रालोद की बढ़त बनी हुई है.
सहारनपुर में 7 सीटों मे 3 पर बीजेपी और 4 पर सपा आगे है.
ये वो 34 सीटें हैं जहां बीजेपी से बुरे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी लेकिन यहां भी उसने सपा गठबंधन को कड़ी टक्कर दी है. इन सभी जिलों में शुरूआती 2 चरणों में मतदान हुआ था और माना जा रहा था कि ये बीजेपी के खिलाफ हुआ है. सहारनपुर में तो रिकॉर्ड मतदान दर्ज किया गया था. हालांकि रुझानों में स्पष्ट है कि बीजेपी के वोटर्स ने भी खुलकर मतदान किया और सपा गठबंधन को कड़ी टक्कर दी है.
*पंजाब में “आप” के CM उम्मीदवार भगवंत मान ने धुरी में हासिल की जीत*
कई प्रमुख सीटों पर हो रही बीजेपी की वापसी
मेरठ की सरधना सीट पर एक बार फिर बीजेपी के संगीत सोम बड़ी जीत दर्ज करते नज़र आ रहे हैं. उधर मेरठ दक्षिण सीट से भी बीजेपी के सोमेन्द्र जीत दर्ज करने वाले हैं. किठौर और हस्तिनापुर से भी बीजेपी ही आगे है. बागपत और बड़ौत आरएलडी का गढ़ माना जाता है और यहां भी कुल 3 में से 1 सीट पर बीजेपी का प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए है. हालांकि कैराना में बीजेपी की मृगांका सिंह सपा गठबंधन उम्मीदवार नाहिद हसन से पीछे चल रही हैं.
जाटों ने नहीं दिया साथ?
अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के साथ आने से और किसान आंदोलन के बाद उपजे आक्रोश को आधार बनाकर माना जा रहा था कि पश्चिमी यूपी में बीजेपी इस बार कमजोर है. हालांकि योगी सरकार का ‘शहर में सुशासन और गांव में राशन’ का नारा सफल रहा और यहां भी लोग इस नीति के पक्ष में मतदान करते नज़र आए हैं. बीजेपी ने इस इलाके में राम मंदिर, महिला सुरक्षा और पलायन जैसे मुद्दों को जोर शोर से उठाया था जबकि अखिलेश-जयंत किसान और नौकरी जैसे मुद्दों पर मैदान में थे.
रुझानों से स्पष्ट है कि सपा-आरएलडी गठबंधन की तरफ लोग लौटे हैं लेकिन बीजेपी के खिलाफ भी उतना गुस्सा नहीं है जितना बताया जा रहा था. इन सीटों में कई ऐसी हैं जहां जाटों की संख्या 20 से 40 प्रतिशत तक भी थी लेकिन वहां भी बीजेपी कैंडिडेट आगे नज़र आ रहे हैं. इन रुझानों से साफ है कि मुस्लिम-जाट के जिस समीकरण को सपा-आरएलडी गठबंधन साधने की कोशिश कर रहा था वो विफल रहा है.
Automated aluminium scrap processing Aluminum recycling consultancy Scrap metal reclaiming management
Scrap metal reprocessing facilities Ferrous metal buyback Iron scrap baling
Ferrous material recycling sustainable practices, Iron scrap logistics, Metal reclamation process