पहाड़ों के बीच से गुजरने वाले एक्सप्रेसवे का इस दिन से मिलेगा आपको ड्राइव का रोमांस रोमांच
सत्य खबर, देहरादून ।
जनवरी से आपको पहाड़ पर ड्राइव करने का असली रोमांच मिलेगा, जब 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आप पहाड़ों के बीच से अपनी कार ले जाएंगे. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से बनाए गए इस नए एक्सप्रेसवे को जनवरी, 2025 से आम आदमी के लिए पूरी तरह खोल दिया जाएगा. इसके शुरू होने से अभी तक जिस दूरी को तय करने में 6 से साढ़े 6 घंटे लग जाते हैं, उसे आप महज 2.5 घंटे में पूरा कर लेंगे.
हम बात कर रहे हैं दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की, जो 210 किलोमीटर लंबा है. इस एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात ये है कि यह पहाड़ों के बीच से गुजरकर आपका सफर पूरा कराएगा. इतना ही नहीं इस एक्सप्रेसवे पर एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ एलिवेटेड कॉरिडोर भी बनाया गया है. अभी दिल्ली से देहरादून तक पहुंचने में आपको 6 से 7 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के शुरू हो जाने के बाद महज 2.5 घंटे में आप देहरादून पहुंच जाएंगे.
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से गुजरकर देहरादून तक जाता है. 210 किलोमीटर की इस दूरी में पश्चिमी यूपी के बागपत, शामली और सहारनपुर जिले पड़ते हैं. इसका मतलब है कि दिल्ली से इन जिलों में जाने वालों के लिए भी यह एक्सप्रेसवे किसी वरदान से कम नहीं है. जहां महज एक घंटे के भीतर पहुंचा जा सकेगा. इस पर बसों के लिए अलग लेन बनाए जाने के साथ ही ट्रक स्टॉपेज और इंटरचेंजेज भी बनाए गए हैं. एक्सप्रेसवे पर कई जगह रेस्तरां और वॉशरूम की सुविधाएं भी दी गई हैं.
एनएचएआई ने इस एक्सप्रेसवे को बनाने में करीब 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह प्रोजेक्ट भारतमाला परियोजना का ही हिस्सा है. इस एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात ये है कि इस पर 12 किलोमीटर का एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाया गया है, जो राजाजी नेशनल पार्क के ऊपर से गुजरेगा. यह पार्क हाथियों और जंगली जानवरों के लिए जाना जाता है. जाहिर है कि आपको एक्सप्रेसवे के ऊपर से ही जंगली जानवरों के दर्शन भी हो जाएंगे और जंगल सफारी जैसा मजा आएगा.
इस एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. एक्सप्रेसवे के किनारे ही ट्रॉमा सेंटर बनाए जाने के साथ एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और अन्य इमरजेंसी सेवाओं को भी एक्शन मोड पर रखा गया है. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दोनों तरफ रेलिंग लगाए जाने के साथ वाइल्डलाइफ फेंसिंग की गई है, ताकि एलिवेटेड कॉरिडोर पर जानवर देखने वालों की भीड़ होने पर किसी अप्रिय दुर्घटना से बचा जा सके.