सत्यखबर, पानीपत
चौटाला रोड पर डाडोला चौक के पास स्थित बालाजी एक्सपोर्ट कंपनी में आग लगने से कच्चा व तैयार माल के साथ मशीनें भी जलकर नष्ट हो गई। फैक्ट्री मालिक ने यूएसए में तैयार माल भेजने के लिए उसे बोरों में बंद करवाकर रखवा दिया था। फैक्ट्री में मुख्य रूप से कुशन, बाथमेट, दरी, रग्स व चादरें तैयार करके विदेशों में एक्सपोर्ट करने का काम होता है। तैयार माल लेने के लिए सुबह के समय कंटेनर भी पहुंच गया था, लेकिन आग में यह माल भी जलकर नष्ट हो गया। जिससे फैक्ट्री पहुंचे कंटेनर को खाली ही वापस लौटना पड़ा।
पानीपत शहर व आसपास के एरिया में चौटाला रोड स्थित फैक्ट्रियों में एक माह में यह 13वीं बड़ी आग लगने की घटना है। इससे पहले इसी प्रकार की बड़ी आग जाटल रोड, निंबरी रोड व ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया समेत अन्य जगहों पर लगी थी। इस तरह से आग लगने का सिलसिला लगातार जारी है। अंसल निवासी सोमनाथ पोपली ने बताया कि सुबह करीब 10 बजे फैक्ट्री भवन के ग्राउंड फ्लोर में आग लगी थी। इस दौरान फैक्ट्री में काम करने वाले करीब 200 कर्मचारी भी पहुंच चुके थे। फैक्ट्री में लगी शटलेस मशीनों पर काम करने वाले कर्मचारियों ने देखा कि अंदर वाले कमरों में से धुआं निकल रहा है। जब तक कोई कुछ समझ पाता आग बढ़ती जा रही थी। कुछ कर्मचारी फैक्ट्री में मौजूद उपकरणों के माध्यम से आग बुझाने में भी लग गए।
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इसी दौरान कर्मचारियों ने हमें भी फोन कर दिया। हम भी तुरंत फैक्ट्री में पहुंचने के लिए निकल लिए। इस दौरान दमकल विभाग की गाड़ियां भी पहुंच गई। आग ग्राउंड फ्लोर में ही लगी। फैक्ट्री मालिक सोमनाथ पोपली ने बताया कि दमकल विभाग के कर्मचारियों कोशिशों से भवन में बना बेसमेंट, फस्ट फ्लोर व सेकेंड फ्लोर में आग नहीं पहुंच पाई। इस तरह ये हिस्से सुरक्षित रह गए। दमकल विभाग के जिला अधिकारी रामेश्वर सिंह व यादविंदर सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के कुछ ही समय में हमारी एक के बाद 11 गाड़ियां पहुंच गई। पानीपत के अलावा समालखा, सोनीपत, करनाल व रिफाइनरी से भी गाड़ियां मंगवानी पड़ी। सभी गाड़ियों ने 40 से ज्यादा चक्कर लगाए। मशीनों को आसपास की फैक्ट्रियों से भी पानी मिल गया था।
फैक्ट्री मालिक सोमनाथ पोपली ने बताया कि उन्होंने यह फैक्ट्री मई-2019 में शुरू की थी। उनके साथ बेटा पारस पोपली व पार्टनर विशाल वडेरा भी सहयोगी हैं। फैक्ट्री में सारा काम एक्सपोर्ट का ही होता है। इन दिनों में विदेशों से नए साल के लिए ऑर्डर मिलते हैं। इसी कारण काम में लेबर लगी हुई है। फैक्ट्री डेढ़ एकड़ में बनाई हुई है।
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