सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नरवाना के सिंहमार मोहल्ला में सब्जी विक्रेता जमील अहमद का टेस्ट कोरोना पॉजीटिव मिला था, जिसके बाद उसको एंबुलैंस में पीजीआइ रोहतक भेज दिया गया था। जमील अहमद वहां 6 दिन रहा, वहां डॉक्टरों द्वारा सही तरीके से इलाज करने के बाद वह मंगलवार 19 मई को बिल्कुल ठीक होकर निकला। जमील अहमद ने बताया कि जब वह वहां पीजीआइ में पहुंचा था, तो उसको वहां रात का खाना नहीं मिला था। उसने बताया कि उसके जाने से पहले ही खाना बांट दिया गया था। उसने बताया कि वह दिन में भी भूखा था, लेकिन रात को भी खाना नसीब नहीं हुआ। उसने बताया कि उसके साथ अन्य लोग भी रखे गये थे, जहां तीसरे दिन डॉक्टर आया था और उसका चैकअप किया गया था। उसने बताया कि उसकी पत्नी के साथ शाम को बातचीत होती रहती थी और वह उनको हौंसला देता रहता था कि मुझे कुछ नहीं हुआ है और वह बिल्कुल ठीक है। उसे यह महसूस नहीं हुआ था कि वह कोरोना पॉजिटिव है, डॉक्टर भी समय-समय पर उसको जल्दी ठीक होने की बात कहते रहते थे। उसने बताया कि उसकी दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, तो उसके चेहरे पर खुशी आ गई थी। जमील अहमद ने बताया कि घर आने पर उसकी पत्नी के आंखों में खुशी के आंसू थे।
सरकारी एंबुलेंस चालक ने वसूले 500 रूपये
जमील अहमद ने बताया कि उसको नरवाना के सिंहमार मोहल्ला में घर पर पीजीआइ रोहतक से सरकारी एंबुलेंस छोडऩे के लिए आई थी। जब वह एबुलेंस से उतरकर घर पत्नी के साथ जा रहा था, तो एबुंलेस चालक ने उसकी पत्नी से रोहतक से नरवाना छोडऩे के 500 रूपये मांगे। उसकी पत्नी ने कहा कि 500 रूपये किस बात के मांग रहे हो, तो एबुलेंस चालक ने कहा कि आधा किराया सरकार देती है और आधा किराया मरीज को देना होता है। उसकी पत्नी ने कहा कि उनके पास इतने रूपये तो नहीं है, तो चालक ने किसी से उधार मांगकर देने की बात कही। जिसके बाद जमील की पत्नी ने किसी से मांगकर 500 रूपये दे दिये। इसके बाद चालक 500 रूपये चलता बना।
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