सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
अपने शरीर को तोड़-मरोड़ कर कुंडली बनाने की कला कोई स्वामी विवेकानन्द स्कूल उझाना की चौथी कक्षा में पढऩे वाली किरण से पूछे। सच मानों तो योगा में सही मायनों में एक किरण साबित हो रही है उझाना गांव की यह बालिका किरण। छात्रा किरण को यह संस्कार इसी स्कूल में नियुक्त पीटीआई अध्यापक पिता प्रेम सिंहमार से मिले हैं, जो खुद कुश्ती के पहलवान भी हैं। पिछले कई दिनों से लगे लॉक डाउन में भी इस नन्हीं बालिका ने योगाभ्यास नहीं छोड़ा, जो सुबह-शाम घर में ही योगा करती थी और बाद में अपनी पढ़ाई का काम करती थी। लॉक डाउन में थोड़ी छूट के बाद उसने अपना योगाभ्यास गांव में बने स्टेडियम में करना शुरू कर दिया। किरण के चाचा सतीश सिंहमार बताते हैं कि योगाभ्यास करते समय भतीजी किरण अपने शरीर को कई जगह से इस प्रकार तोड़-मरोड़ लेती है कि पता नहीं लगता यह लड़की है या कोई गोल-मटोल अन्य चीज पड़ी है। नन्हीं-सी बालिका द्वारा इस प्रकार योगा के कमाल के आसन करने पर ग्रामीणों को गर्व है। वे इस नन्हीं बालिका के करतबों को देखकर दांतों तले उंगली तो दबाते ही हैं और साथ में दुआ करते हैं भविष्य में यह बाबा रामदेव की तरह अपना तथा देश-प्रदेश का नाम चमकाए।
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