सत्यखबर, जींद
हरियाणा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में वर्ष 2010 में भर्ती हुए 1983 शारीरिक शिक्षकों (पीटीआइ) पर प्रदेश सरकार ने फिर यू-टर्न लिया है। दो दिन पहले जहां मौलिक शिक्षा निदेशक के मौखिक आदेश पर सभी पीटीआइ की बर्खास्तगी रोक दी गई थी,वहीं सोमवार लिखित आदेश पर इन्हें तुरंत प्रभाव से निकाल दिया गया।
कुरुक्षेत्र, कैथल, नारनौल, मेवात सहित विभिन्न स्थानों पर जिला शिक्षा अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में केस हार चुके पीटीआइ को निकालने के आदेश जारी कर दिए। सुप्रीम कोर्ट में केस के फैसले के बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पीटीआइ की भर्ती के लिए पहले ही नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की हुई है। विगत बृहस्पतिवार को मौलिक शिक्षा निदेशक ने तीन दिन में सभी पीटीआइ को हटाने के निर्देश दिए थे। शुक्रवार को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के हस्तक्षेप के बाद पीटीआइ को निकालने की प्रक्रिया रोक दी गई थी। सोमवार को फिर से इन्हें तुरंत प्रभाव से एक दिन में निकालने के आदेश जारी हो गए।
सुप्रीम कोर्ट में लटकी पुनर्विचार याचिका
नौकरी बचाने के लिए पीटीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाने के लिए एक करोड़ दस लाख रुपये में वकील किया है। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील एपी सिंह और अनिल भान यह केस लड़ेंगे। एपी सिंह ने निर्भया कांड के दोषियों को बचाने के लिए भी केस लड़ा था,लेकिन हार गए।
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