सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: एक्यूएमसीएस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर और अन्य लोगों ने मिलकर साजिश के तहत एक युवक के खिलाफ भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के जूते प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जारी करने पर के रुपए का आरोप लगाकर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाने के मामले में पीडि़त व उसके परिजन एसपी से मिले। एसपी को दी शिकायत में उचित कार्रवाई की मांग की गई। पीडि़त प्रदीप ने एसपी को को दी शिकायत में बताया कि उसने कंपनी में 150 रूपए प्रति रसीद के कमीशन के हिसाब से एक महीना काम किया था। उसे यह काम युद्धवीर सिंह निवासी जिला फतेहाबाद (जोकि कंपनी में प्रदेश कोआर्डिनेटर के पद पर कार्यरत है) ने इकरारनामा करवाकर व उससे खाली कागजातों पर हस्ताक्षर करवाकर दिया था। उसने बतौर सिक्योरिटी उससे 1 लाख रूपए का चेक भी लिया था। उसने एक महीने तक काम किया।
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उसको कमीशन प्रति रशीद के हिसाब से हररोज मिलना था लेकिन उसको कमीशन की रकम दिए जाने में आनाकानी की जाने लगी। महीना पूरा होने के बाद भी जब कमीशन नहीं दिया तो उसने काम करना छोड़ दिया। इसके बाद उसने कंपनी से दिए गए साइन किए कागजात और चेक वापस मांगा तो कंपनी वालों ने उसे देने से साफ मना कर दिया। 17 जनवरी को उसने इस मामले की शिकायत सफीदों पुलिस में दी थी लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई सुनवाई नहीं की। फिर एक दिन युद्धवीर सिंह सफीदों के एक होटल में पहुंचा जहां उसके साथ दुव्र्यवहार करते हुए उसे जातिसूचक शब्द कहे। पीडि़त प्रदीप ने बताया कि उसने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग कार्यालय में शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई थी इसके बाद आयोग ने 15 दिन में नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन पुलिस ने आयोग के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदीप ने एसपी से गुहार लगाई कि उसको न्याय दिया जाए व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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