सत्यखबर
पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिक बार बार भारतीय सीमा पर घुसते रहते हैं। पिछले साल जून के महीने में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हो गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे और चार चीनी सैनिक मारे गये थे। लेकिन अब खुलासा हुआ है कि अगस्त के महीने में चीन के सैनिकों ने उत्तराखंड के तरफ से भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने चीन के सैनिकों ने उत्तराखंड में घुसपैठ करने के बाद भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर को तोड़ डाला था। स्थिति से वाकिफ अधिकारियों के मुताबिक, ये घटना 30 अगस्त की है, जब 100 से ज्यादा चीन के सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के सैनिक उत्तराखंड के बाराहोती में करीब पांच किलोमीटर तक घुस आए थे और एक पुल को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। वहीं, बताया जा रहा है कि चीन के सैनिकों ने उत्तराखंड के बाराहोती में काफी उपद्रव मचाया और कई भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर को तोड़ डाला।
एक तरफ पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिक बार बार घुसपैठ करते रहते हैं और अब चीन के सैनिक भारतीय सीमा के पास भारी संख्या में विध्वंसक हथियारों की तैनाती कर रहे हैं, दूसरी तरफ अब चीन ने घुसपैठ की हरकत उत्तराखंड की तरफ से शुरू कर दी है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बाराहोती इलाके में चीन की तरफ से पहले भी घुसपैठ होती रही है। इससे पहले सितंबर 2020 में भी चीनी सैनिकों के भारत में घुसने की खबर आई थी और रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक तीन बार चीन के सैनिक उत्तराखंड में घुसपैठ कर चुके हैं। इससे पहले 1954 में पहली बार चीन की तरफ से भारतीय सीमा पर उत्तराखंड की तरफ से घुसपैठ की गई थी और फिर 1954 के बाद चीन ने कई दूसरे इलाकों में कब्जा करने की कोशिश की थी। 1962 में दोबारा चीन ने उत्तराघंट में घुसपैठ की थी, जब भारत और चीन के बीच जंग चल रही थी और अब तीसरी बार चीन ने 30 अगस्त को भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की है। हालांकि, इस बार भारतीय सैनिकों के साथ झड़क की स्थिति नहीं बनी। बताया जा रहा है कि जब तक भारतीय सैनिकों के साथ चीन के घुसपैठिये सैनिकों का सामना होता, वो भारतीय सीमा से बाहर जा चुके थे।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 अगस्त तो करीब 100 चीनी सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। ये चीनी सैनिक 55 घोड़ों पर सवार थे और करीब पांच किलोमीटर के क्षेत्र में वो दाखिल हुए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में ये इलाका पूरी तरह से शांत रहा है और इन इलाकों में घुसपैठ की घटनाएं नहीं हो रही थीं, लेकिन अब इस घटना ने नई दिल्ली की चिंताएं बढ़ा दी हैं। भारत सरकार के अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है है कि उत्तराखंड में चीन के सैनिकों ने घुसपैठ की थी और तुन जुन ला को पास रकने के बाद वो उत्तराखंड के बाराहोती के करीब चारागाह में आ गये थे।
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इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि उत्तराखंड के बाराहोती तक पहुंचने के बाद करीब तीन घटे तक चीन के सैनिक वहां रहे। आपको बता दें कि ये इलाका असैन्यीकृत हैं, यानि यहां पर सैनिक नहीं होते हैं, लिहाजा सौ से ज्यादा चीनी सैनिकों की घुसपैठ ने भारत सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। पूर्वी लद्दाख में पहले से ही टेंशन का माहौल है। सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने भारतीय सेना को चीनी घुसपैठ की जानकारी दी थी, जिसके बाद फौरन वहां पर आईटीबीपी के जवान पहुंच गये थे, लेकिन जब तक आईटीबीपी के जवान मौके पर पहुंचते, चीन के सैनिक वहां से बाहर जा चुके थे।
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