सत्यखबर, दिल्ली
पूर्व उद्योगमंत्री व सिरसा में पांच बार विधायक रहे लक्ष्मणदास अरोड़ा की धर्मपत्नी मायादेवी का रविवार प्रात: चार बजे निधन हो गया। वे करीब 87 वर्ष की थी। उनका अंतिम संस्कार शाम तीन बजे शिवपुरी में किया जाएगा। मायादेवी पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। उनकी पांच बेटियां हैं। उनके आकस्मिक निधन पर गणमान्य लोगों ने शोक जताया है। शाम को उनका अंतिम संस्कार किया गया।पूर्वमंत्री लक्ष्मणदास अरोड़ा की धर्मपत्नी मायादेवी धार्मिक विचारों की धनी महिला थी। वे आनंदपुर सत्संग आश्रम से जुड़ी हुई थी और सदैव भगवत भक्ति में लीन रहती थी। दान, पुण्य, जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे रहती थी।
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वर्षों तक सिरसा के विधायक व प्रदेश के मंत्री रहे लक्ष्मणदास अरोड़ा की पत्नी अहंकार से दूर थी और हमेशा कहती थी – आप सबका सहयोग है, मैं अकेली कुछ नहीं कर सकती।लक्ष्मणदास अरोड़ा सिरसा विधानसभा सीट से सर्वाधिक पांच बार विधायक चुने गए व तीन बार राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं। पहले 1967 के चुनावों में बीजेएस पार्टी के बैनर तले कांग्रेस के सीताराम को 5067 मतों से हराया था। इसके एक साल बाद 1968 में हुए चुनावों में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। मगर इसके बाद 1972 से लेकर 2009 तक लगातार 9 चुनाव लड़े। जिसमें 1982 के चुनावों में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भाजपा के महावीर रातुसरीया को 1780 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी।
तीसरी जीत उन्हें 10 वर्ष बाद 1991 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से नसीब हुई। जिसमें उन्होंने भाजपा के प्रो. गणेशी लाल को 18995 मतों से हराया था। वहीं 2000 व 2005 के चुनाव में वह लगातार दो बार सिरसा से कांग्रेस पार्टी से विधायक बने। वर्ष 2000 में यहां उन्होंने भाजपा के जगदीश चोपड़ा को 15091 वोटों से हराया। वहीं 2005 में इनेलो के पदम जैन को 15304 मतों से हराया था। 2009 के आखिरी चुनाव में उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में गोपाल कांडा से हार का मुंह देखना पड़ा था, इस चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहे थे।
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