सत्यखबर, चण्डीगढ़
ऐलनाबाद उप चुनाव को लेकर पूर्व एमएलए भरत सिंह बेनीवाल ने प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा को 2 पेज जवाब भेज दिया है। इस उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार पवन बेनीवाल की जमानत जब्त हो गई थी। इसी मामले में भरत बेनीवाल का ऑडियो भी वायरल हुआ था। इसमें उनके कांग्रेस उम्मीदवार के तीसरे स्थान पर रहने की बात कहने का दावा किया गया था। पूर्व विधायक भरत बेनीवाल ने जवाब में कहा कि मेरी चुनाव प्रचार में कोई जिम्मेदारी तय नहीं की गई थी। मेरे गांव में उम्मीदवार को 60% वोट मिले। जबकि टिकट मांगने वाले तथाकथित स्थानीय नेताओं के गांवों में कांग्रेस ने अब तक का सबसे निचले स्तर का प्रदर्शन किया। मुझे लगता है कि हर स्तर पर हमारे बीच कुछ खामियां रही हैं। हम सबको मिल बैठकर पार्टी हित में कार्य करना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष संतुष्ट हुई या नहीं, इसका पता नहीं : बेनीवाल
भरत सिंह का कहना है कि मेरे भेजे गए जवाब से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष संतुष्ट है या नहीं, इसका कोई जवाब अभी तक नहीं आया है। पूर्व विधायक को एक नंवबर को नोटिस भेजा गया था। एक सप्ताह में जवाब देना था। भरत का कहना है कि उन्हें नोटिस 8 नवंबर को मिला था और 9 को उन्होंने जवाब भेज दिया। मुझ पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। जिस ऑडियो का जिक्र किया गया है वो तोड़मरोड़ कर बनाया गया है। जब ये ऑडियो मेरे संज्ञान में आया तो मैंने इसका खंडन करते हुए वीडियो भी जारी किया। खंडन का वीडियो भी भेज रहा हूं।
8 अक्टूबर को टिकट आवंटन के विरुद्ध हुए कार्यकर्ताओं के विरोध को शांत करने के लिए पार्टी में बने रहने की बात कही। किसी भी पार्टी विरोधी कार्य में भाग नहीं लिया।
14 अक्टूबर तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिलकर पार्टी का समर्थन करने के लिए एकजुट करता रहा। 16 अक्टूबर को आपके और उम्मीदवार पवन बेनीवाल के साथ 10 से 12 गांवों में स्टेज शेयर कर लोगों को पार्टी को वोट देने की अपील की।
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अगले दिन मुझे कान की सर्जरी करवाने के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ा। यह पहले से ही निर्धारित था। 3 दिन बाद ही मैं दोबारा घर आ गया और पार्टी के लिए काम करता रहा। पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए मेरी कोई निश्चित जिम्मेदारी निर्धारित नहीं की थी।
मेरे गांव दड़बा कलां में पार्टी उम्मीदवार को 60% प्रतिशत वोट मिले। जबकि टिकट मांगने वालों के यहां कांग्रेस बुरी तरह से पिछड़ गई।
आज तक मैंने कांग्रेस पार्टी से ही चुनाव लड़ा। मेरी टिकट कटी तो भी मैंने पार्टी को नहीं छोड़ा। 2005 में दड़बा कलां से विधायक रहा। जब भी मुझे पार्टी ने टिकट दी, मैंने हमेशा अच्छे वोट लिए और मुकाबले में रहा।
मैं राजनैतिक फायदे के लिए चुनाव में नहीं हूं। मैं जन्म से कांग्रेस समर्थक परिवार में पैदा हुआ हूं। मैंने निजी स्वार्थ के लिए न तो कभी पार्टी को छोड़ा है और न ही छोडूंगा। पार्टी हित में कार्य करता रहूंगा। हुड्डा खेमे का होने के कारण कटी थी टिकट
भरत बेनीवाल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे के हैं। ऐलनाबाद उप चुनाव में उनकी टिकट काटकर उनके भतीजे पवन बेनीवाल को दी गई थी। पवन बेनीवाल कुछ ही दिन पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उपचुनाव में वे तीसरे नंबर पर रहे। इससे पहले भरत सिंह की 2014 में भी टिकट कटी थी। उस समय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर थे। भरत ऐलनाबाद सीट से 2009 और 2019 में चुनाव लड़ चुके हैं। 2019 विधानसभा चुनावों में भरत सिंह को करीब 35 हजार वोट मिले थे। उनके भतीजे पवन बेनीवाल भाजपा की टिकट पर दूसरे स्थान पर रहे।
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