सत्यखबर, चढ़ीगढ़
बता दे की कांग्रेस की राजनीति में भीतर तक घुसे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी ऊपर से लेकर नीचे तक संगठनात्मक बदलाव के हक में हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बदलाव के लिए जो चिट्ठी लिखी गई है, उस पर हुड्डा के भी हस्ताक्षर हैं। हुड्डा कांग्रेस में ऐसा बदलाव चाहते हैं, जो कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप हो। लेकिन इस बदलाव के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के राजनीतिक कद पर कोई विपरीत असर न पड़े। वह चाहते हैं कि कांग्रेस की बागडोर किसी गैर गांधी नेता को मिले।
हुड्डा लगातार दस वर्ष तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। अब विधानसभा में विपक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 30 विधायक चुनकर आए, जिसमें से दो दर्जन विधायकों पर हुड्डा खेमे की मुहर लगी हुई है। अशोक तंवर जब हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब उन्हेंं पद से हटाने के लिए हुड्डा को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। अब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की बात उठी तो हड्डा ने भी पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत दो दर्जन नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी प र अपने हस्ताक्षर किए।
कांग्रेस में कैसा बदलाव चाहते हैं? इस सवाल पर हालांकि हुड्डा ने कोई सीधी टिप्पणी नहीं की। इसे पार्टी का अंदरूनी मामला बताया। लेकिन सूत्रों का कहना हैं? कि हुड्डा इस बात से सहमत हैं कि कांग्रेस की बागडोर गैर गांधी किसी नेता के हाथ में होनी चाहिए। यह नेता कौन होगा, इस पर अभी राय मशविरा नहीं किया गया है।
बता दे की इसके साथ ही हुड्डा और बदलाव के समर्थक नेताओं ने इस पत्र में यह भी लिखा हैं कि कांग्रेस में होने वाले बदलाव के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी का पार्टी में असर बना रहना चाहिए। यानी, हुड्डा बाकी नेताओं की तरह चाहते हैं कि सोनिया और राहुल गांधी मार्गदर्शक मंडल की भूमिका में रहें। क्या वास्तव में ऐसा ही है, इस सवाल के बारे में पूछने पर हुड्डा ने कहा कि वह कयास और संभावनाओं पर आधारित सवालों का जवाब देना उचित नहीं मानते
अभय चौटाला की सोच जनहित नहीं बल्कि नेगेटिव- सतपाल सांगवान……………………
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