पेगासस जासूसी कांड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, एसआइटी से जांच कराने की मांग

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सत्यखबर, दिल्ली

पेगासस जासूसी कांड पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करते हुए कहा था कि अगर इसके बारे में मीडिया रिपोर्टें सही हैं तो जासूसी के आरोप गंभीर हैं। वहीं, कपिल सिब्बल ने मामले को गंभीर बताते हुए सीजेआई से गुहार लगाई कि केंद्र को नोटिस जारी किया जाए। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को संसद में कहा कि उसने जासूसी साफ्टवेयर पेगासस के निर्माता एनएसओ समूह के साथ किसी तरह का लेन-देन नहीं किया है। स्पाइवेयर के जरिये जासूसी कराए जाने के आरोपों के बाद पेगासस को लेकर इन दिनों देश में जबर्दस्त राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है।

इससे पहले पेगासस जासूसी मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर अखबार में आई खबर सही है तो मामला गंभीर है, लेकिन साथ ही सवाल उठाया कि जब मामले का पता 2019 में लग गया था तो अब तक शिकायत क्यों नहीं की और अब इसे क्यों उठाया जा रहा है? कोर्ट ने यह भी कहा था कि ज्यादातर याचिकाएं मीडिया रिपोर्ट पर आधारित हैं। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए विचार करने का मन तो बनाया, लेकिन याचिकाओं पर औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया।

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इस दौरान कोर्ट ने मामले को 10 अगस्त को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश देते हुए याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वे याचिका की प्रति एडवांस में केंद्र सरकार को दें, ताकि उस दिन नोटिस स्वीकार करने के लिए सरकार की ओर से कोई मौजूद हो। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने वरिष्ठ पत्रकार एन. राम, भाकपा सांसद जान ब्रिटास, एडीटर्स गिल्ड आफ इंडिया समेत कुछ अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह निजता के हनन को गंभीर मानती है, लेकिन कुछ सवाल हैं।

 

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