सत्य खबर,नई दिल्ली(ब्यूरे रिपोर्ट)
दिल्ली विधानसभा का चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में दिल्ली की मुख्य सियासी पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी अपने रिपोर्ट कार्ड के जरिए अपने किए हुए कामों को जनता के सामने अलग-अलग तरीकों से रख रही है। तो वहीं दिल्ली की बीजेपी उसे झूठ का पुलिंदा बताकर आम आदमी पार्टी सरकार को झूठा करार दे रही है।
इसी के साथ आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल दिल्ली में चुनाव घोषणा से पहले ही पूरा कैंपेन अपने इर्द-गिर्द रखने में कामयाब नजर आ रहे हैं। जिस तरह वो अपने कामों को बढ़ चढ़कर लोगों के सामने रख रहे है, बीजेपी उसे झूठलाने की जहमत में घूमती नजर आ रही है।ऐसे में ज़ाहिर है कि आम आदमी पार्टी इस तरह कैंपेन का रास्ता तय कर अपने विरोधी दल बीजेपी पर भारी पड़ती दिख रही है तो ऐसा करने से कैंपेन का पूरा फोकस आम आदमी पार्टी की सरकार की सफलता और विफलता के इर्द गिर्द घूम रहा है।
आम आदमी पार्टी अपने मुखिया अरविंद केजरीवाल की सफलता को ये कहकर पेश कर रही है कि उनके नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने शिक्षा बजट में तीन गुना इजाफा किया है। पहले दिल्ली सरकार का बजट 6600 करोड़ रुपए का था जो केजरीवाल की सरकार ने बढ़ाकर 15 हजार 600 करोड़ रुपए कर दिया। इस दरमियान 20 हजार से ज्यादा नए क्लास रूम बनाए गए, इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि पहली बार सरकारी स्कूलों का रिजल्ट प्राइवेट स्कूल से बेहतर हुआ है। आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि 12वीं के प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट 93 फीसदी था जबकि सरकारी स्कूल का रिजल्ट 96 फीसदी था। सरकार इस बात का क्रेडिट भी ले रही है कि साल 2015 से प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। इसकी वजह दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार का सत्ता पर काबिज होना है।
हालांकि बीजेपी इसे झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहती है कि वादा 500 नए स्कूल खोलने का था लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार महज 6 स्कूल बनाने में कामयाब रह पाई है। बीजेपी आम आदमी पार्टी पर 12वीं की जगह 10वीं के रिजल्ट को बताने पर बल दे रही है। बीजेपी का कहना है 10वीं का रिजल्ट 89.25 फीसदी से गिरकर 71.58 हो गया जो पहले से 18 फीसदी कम है। इसलिए केजरीवाल जिसे सबसे बड़ी उपलब्धी गिना रहे हैं वहां उन्हें असफलता मिली है। केजरीवाल अपने रिपोर्ट कार्ड में कह रहे हैं कि उनकी सरकार ने 400 मोहल्ला क्लिनिक खोलने सहित सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प किया है। आप सरकार का दावा है कि स्वास्थ्य पर दिल्ली, बजट का 13 फीसदी खर्च करने वाला इकलौता राज्य है। जहां पहले 3500 करोड़ रुपए स्वास्थ्य पर खर्च होते थे वो बढ़कर 7500 करोड़ हो गए हैं।
वहीं बीजेपी इसे कोरी बकवास करार देते हुए कहती है कि वादा 30 हजार बेड बढ़ाने का था, लेकिन महज 374 बेड बढ़ाए जा सके हैं। इतना ही नहीं 2 करोड़ की आबादी के लिए 391 वेंटिलेटर बेड और 100 डायलाइसिस बेड मुहैया कर केजरीवाल सरकार बुरी तरह फेल हुई है। दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए कहते हैं कि केजरीवाल सरकार हर घर सस्ती बिजली पहुंचाने का दावा कर रही है जबकि शीला दीक्षित सरकार बिजली कंपनी को 600 करोड़ रुपए देती थी तो केजरीवाल उसे भ्रष्ट सरकार कहने में परहेज नहीं करते थे लेकिन उनकी सरकार ने पिछले चार साल में 6381 करोड़ रुपए दे दिए पर खुद को ईमानदार का तगमा देने के लिए विभिन्न माध्यम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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