सत्य खबर, चण्डीगढ़
कालका से कांग्रेस के विधायक रहे प्रदीप चौधरी के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को पत्र लिखा था। जिसके बाद शुक्रवार को विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का पत्र मिला है। जिसे उन्होंने पढ़ लिया है।
पत्र में भूपेन्द्र हुड्डा ने प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाली के लिए कहा है। जिस पर सलाह लेने के लिए उन्होंने एडवोकेट जनरल से बात की है।
कोविड की वजह से लीगल ओपिनियन में देरी हो रही है। एक दो दिन में इस पर फैसला ले लिया जाएगा। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि कानून के हिसाब से काम किया गया है। किसी से बेदभाव नहीं किया जा रहा है। वहीं स्पीकर ने एक अन्य सवाल के जवाब मेें कहा कि निजी हॉस्पिटलों की निगरानी के लिए समिति बनाई गई है। जिसमें 2 सदस्य हैं। इस समिति में एक सरकारी अधिकारी तथा एक सामाजिक कार्यकर्ता शामिल है। 5000000 की डिस्क्रीशनरी फंड से ग्रांट दी गई है।
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प्रदेश में वेंटिलेटर और बाकी इक्विपमेंट की कोई कमी नहीं है। हरियाणा सरकार की पूरी कोशिश है कि साधानों के अभाव में किसी की जान ना जाए। कोरोना महामारी से केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरा देश परेशान है। सभी को सावधानी रखते हुए अपने आप को, अपने परिवार को, पड़ोस को, समाज को, जिला को, प्रदेश को तथा देश को बचाना है।
बता दें कि गत 30 जनवरी को हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने कालका से कांग्रेस विधायक बने प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी। प्रदीप चौधरी को हिमाचल प्रदेश के बद्दी की निचली अदालत ने एक मामले में सजा सुनाई थी। सजा के बाद विस अध्यक्ष ने कालका विधायक प्रदीप चौधरी को अयोग्य घोषित करते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी। बाकायदा इसकी सूचना भारतीय चुनाव आयोग को भी भेज दी गई थी। जिसके बाद हिमाचल हाईकोर्ट पहुंचे विधायक प्रदीप चौधरी को राहत देते हुए हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। जिसके आदेश का कापी विधायक प्रदीप चौधरी विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को सौप दी थी। इसी मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को पत्र लिखकर उनको बहाल किए जाने का आग्रह किया था। जिस पर शुक्रवार को स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने जवाब दिया है।
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