मत्स्य पालकों को तकनीकी सहायता भी करवाई जा रही है उपलब्ध: उपायुक्त डॉ आदित्य दहिया
सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: उपायुक्त डॉ आदित्य दहिया ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य पालन विभाग द्वारा मत्स्य पालकों को अनेक प्रकार की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा मत्स्य पालकों को तकनीकी सहायता भी उपलब्ध करवाई जा रही है। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। उपायुक्त डॉ आदित्य दहिया ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का उद्देश्य उत्पादन और उत्पादकता में वृद्घि, मत्स्य प्रबंधन और नियामक ढांचा, टैक्नोलॉजी इंफ्यूजन तथा पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन के लिए ढांचागत सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है। इनमें मछली पालन के लिए पट्टïे पर गांव के तालाबों को प्राप्त करना, मछली संस्कृति इकाई के निर्माण के लिए अनुदान, प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था, तालाब स्थलों की मिट्टïी एवं पानी की जांच, योजना और तालाबों के अनुमान की तैयारी, गुणवत्ता वाले बीज और फीड की आपूर्ति, मछली के विकास की जांच, मछली के रोगों की जांच तथा मछली परिवहन और विपणन आदि शामिल है।उपायुक्त ने बताया कि योजना के तहत मत्स्य पालन विभाग द्वारा इस क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। सघन मत्स्य विकास कार्यक्रम की योजना का उद्देश्य नये तालाबों की खुदाई, मछली संस्कृति के लिए सामुदायिक भूमि का नवीनीकरण करके अतिरिक्त जल क्षेत्र का निर्माण करना, मौजूदा तालाबों और सुक्ष्म जल क्षेत्रों में मछली संस्कृति को बनाएं रखने के लिए मछली किसानों को तकनीकी सहायता, शैलो, गहरे टयूबवैल एवं जल वाहक के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
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उपायुक्त ने बताया कि इंटेंसिव फिसरीज स्कीम के तहत भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके तहत एरियटर की स्थापना पर अनुदान के तहत वास्तविक लागत का सामान्य वर्ग के लिए अनुदान की सीमा 4० प्रतिशत तथा कमजोर वर्ग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अथवा महिला तथा सहकारी समितियों के लिए 6० प्रतिशत तक लाभार्थियों को अनुदान प्रदान किया जाता है । गहरा नलकूप की स्थापना के लिए वास्तविक लागत सीमा दो लाख रुपये प्रति हैक्टेयर सामान्य वर्ग के लिए अनुदान की सीमा 4० प्रतिशत तथा कमजोर वर्ग अथवा अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति अथवा महिला तथा सहकारी समितियों के लिए 6० प्रतिशत तक लाभार्थियों को अनुदान प्रदान किया जाता है । कम गहरा नलकूप स्थापित करने के लिए वास्तविक लागत सीमा 5० हजार रुपये प्रति हैक्टेयर सामान्य वर्ग के लिए अनुदान की सीमा 4० प्रतिशत तथा कमजोर वर्ग अथवा अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति अथवा महिला तथा सहकारी समितियों के लिए 6० प्रतिशत तक लाभार्थियों को अनुदान प्रदान किया जाता है। मत्स्य पालन की अधिक जानकारी के लिए जिला मत्स्य अधिकारी दिलबाग सिंह दूरभाष नम्बर ०1681-247222 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
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