सत्यखबर, हरियाणा
“फादर्स डे” पर आज आपको एक ऐसे पिता के बारे में बताते हैं, जिन्होंने अपने सपने को अपनी बेटियों के जरिए पूरा किया। इन्होंने अपनी जिदंगी अपनी बेटियों के नाम कर दी और आज इनकी बेटियां पूरी दुनिया में भारत का नाम ऊंचा कर रही हैं। बात हो रही है द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर फोगाट की। बता दें कि महावीर फोगाट हरियाणा के भिवानी जिले के रहने वाले हैं और स्वयं भी पहलवान रह चुके हैं। बाद में कुश्ती के कोच बन गए। उनके पिता मान सिंह भी पहलवान थे। महावीर और उनकी पत्नी दया कौर के पांच बच्चे हैं। बेटियां गीता, बबीता, रितु, संगीता और छोटा बेटा दुष्यंत। महावीर के भाई राजपाल की बेटियों प्रियंका और विनेश को उनके पिता की मृत्यु के बाद महावीर ने ही पाला था।
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महिलाओं के प्रति हरियाणा में रूढीवादी सोच का काफी प्रभाव रहा है। खासकर गांवों में ये बात बिल्कुल पसंद नहीं की जाती थी कि कोई महिला कुश्ती जैसे खेल खेले, लेकिन महावीर की सोच काफी अलग थी। दूरदर्शी सोच के महावीर फोगाट ने अपनी बेटियों को कुश्ती सिखाने का फैसला साल 2000 में लिया था। उस समय वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थी। महावीर फोगाट अपने कोच चंदगी राम से भी काफ ी प्रभावित थे, क्योंकि चंदगी राम ने भी अपनी बेटियों को कुश्ती सिखाई थी।
बताया जाता है कि महावीर की पत्नी कभी नहीं चाहती थी कि उनकी बेटियां कुश्ती करें, लेकिन महावीर इस रूढ़ीवादी सोच से इत्तेफाक नहीं रखते थे। महावीर ने सभी 6 बहनों को कुश्ती का प्रशिक्षण भिवानी जिले के उनके गांव बलाली में दिया। इसके बाद महावीर ने गीता और बबीता को सोनीपत में भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र में नामांकित किया।
महावीर फोगाट की कभी ना हार मानने वाली सोच ने सब कुछ बदल दिया। छोटे से गांव में रहने वाले महावीर की बेटियों ने वो कर दिखाया जिसकी उस समय कोई कल्पना भी नहीं करता था। महावीर ने अपनी बेटियों को कुश्ती के गुर सिखाए और गीता, बबीता और विनेश फोगाट ने राष्ट्रमंडल खेलों में विभिन्न भार वर्गों में स्वर्ण पदक जीते, जबकि प्रियंका फोगाट ने एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। वहीं रितु एक राष्ट्रीय चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता हैं और संगीता ने आयु.स्तर की अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में पदक जीते हैं। फौगाट बहनों ने हरियाणा का नाम देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी ऊंचा किया है। फोगाट बहनों ने समाज को ये संदेश दिया कि म्हारी छोरियां छोरों से कम ना हैं। फोगाट बहनों की कामयाबी के पीछे सबसे बड़ा हाथ महावीर फोगाट का ही है। जिन्होंने कभी ये नहीं सोचा कि समाज क्या सोचेगा। देश के लिए मेडल लाने का ख्वाब तो महावीर ने देखा था, लेकिन उनका वो सपना उनकी 6 बेटियों ने पूरा किया। फोगाट बहनों को लेकर बॉलीवुड में फिल्म बनाई गई। इस फिल्म में ये दर्शाया गया कि कैसे एक पिता महावीर फोगाट ने समाज के खिलाफ जाकर अपनी बेटियों को कुश्ती सिखानी शुरू की और बेटियों ने भी अपने पिता का सिर कभी झुकने नहीं दिया। दंगल फिल्म में महावीर फोगाट का रोल आमिर खान ने किया था।
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