सत्य खबर, सिरसा
खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने सिरसा के लघु सचिवालय में शुक्रवार से पक्का मोर्चा शुरू कर दिया। राशन पानी लेकर किसान लघु सचिवालय पहुंचे और धरना शुरू कर दिया। प्रह्लाद सिंह कालूखेड़ा के नेतृत्व में किसानों ने धरना शुरू किया। इस दौरान नारेबाजी के साथ सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया गया। पक्का मोर्चा शुरू करते समय किसान नेता बारू खेड़ा ने कहा कि सरकार हमारी मांगें नहीं सुन रही है। बार बार चेतावनी के बावजूद सरकार संज्ञान नहीं ले रही है। किसान परेशान हैं इसलिए यह धरना शुरू किया जा रहा है।प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि सरकार व प्रशासन को 25 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन उन्होंने किसानों की मांगों को लेकर कोई सकारात्मक रवैया नहीं दिखाया, जिसको लेकर किसानों में भारी रोष है। भारूखेड़ा ने कहा कि उपायुक्त कार्यालय में किसान आंदोलन की तरह पक्का मोर्चा लगाया जा रहा है और जब तक किसानों की मांगों को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, किसान यहां से टस से मस नहीं होंगे। इस दौरान अगर प्रशासन ने किसानों के साथ कोई धक्केशाही की तो उसका भी मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
ये हैं किसानों की प्रमुख मांगें
गुलाबी सुंडी से खराब हुई नरमे की फसल का मुआवजा दिया जाए व बकाया बीमा क्लेम की राशि भी दी जाए।
नहरी पानी में कटौती करके नहरें महीने में सात दिन चलाई जा रही हैं, जबकि पहले 15 दिन नहरें चलती थी।
किसानों के ट्यूबवेल के कनेक्शन जारी किए जाएं।
हाल ही में यूरिया खाद की कमी के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यूरिया उपलब्ध करवाई जाए।
बुढ़ापा पेंशन में कटौती की जा रही है, जिन लोगों की पेंशन बंद की गई है, उसे पुन: बहाल किया जाए।
आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर, पीटीआई अध्यापकों की मांगों को पूरा किया जाए।
पक्के खाल बनाने पर फव्वारा सिस्टम की शर्तों को हटाया जाए। बंद पड़े शैक्षणिक संस्थानों को खोला जाए।
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