सत्यखबर,दिल्ली
मराठा आरक्षण को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च अदालत ने शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में मराठा आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है। अदालत के फैसले के अनुसारए अब किसी भी नए व्यक्ति को मराठा आरक्षण के आधार पर कोई नौकरी या कॉलेज में सीट नहीं दी जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मराठा समुदाय को कोटा के लिए सामाजिकए शैक्षणिक रूप से पिछड़ा घोषित नहीं किया जा सकता है। यह 2018 महाराष्ट्र राज्य कानून समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
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कोर्ट ने कहा कि हम 1992 के फैसले की फि र से समीक्षा नहीं करेंगे। जिसमें आरक्षण का कोटा 50 फीसदी पर रोक दिया गया था। वहीं राजस्थान में जहां गुर्जरों को आरक्षण मिला हुआ तथा हरियाणा में जाट समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है उक्त दोनों समुदायों को भी इससे परेशानी हो सकती है।
बुद्विजीवियों की माने तो मराठा आरक्षण पर रोक को ढाल बनाकर राजस्थान में गुर्जर आरक्षण भी रद्द कराए जाने की मांग हो सकती है तथा हरियाणा में जाट समुदाय को भी आरक्षण नहीं दिए जाने की मांग हो सकती है।
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