सत्य खबर, नई दिल्ली
सोशल मीडिया पर दोस्ती और फिर शादी के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे पर फ्र ी.फायर पर क्लब बनाकर गेम खेलते खेलते एक नाबालिग लडक़ी के घर से शादी करने के लिए फरार होने का यह मामला शायद पहली बार सामने आया है।
दरअसल फ्र ी.फायर पर क्लब बनाकर गेम खेलते हुए एक की लडक़ी की एक लडक़े से फ्रेंडशिप हो गई। दोनों फोन पर बात करने लगे। दोस्ती इतनी बढ़ गई कि नाबालिग गुजरात में लडक़े से मिलने घर भाग निकली। बस में गुजरात जा रही थी तो बस कंडक्टर को शक हुआ। पूछताछ पर जवाब नहीं मिला तो उसने चाइल्ड लाइन की टीम को बुला लिया। लडक़ी की काउंसिलिंग करने पर उसने बताया कि लडक़े से उसकी बातचीत होती है। उसने फोन पर कहा था कि गुजरात आ जाओ हम 18 साल के होंगे, तब हम शादी कर लेंगे।
यह मामला राजस्थान के नागौर जिले के कुचामन थाना क्षेत्र का है। जहां 14 साल की लडक़ी और 17 साल के लडक़े के बीच दो साल से दोस्ती थी। गेम के दौरान ही दोनों ने एक.दूसरे के नंबर शेयर किए और बात करने लगे। लडक़े ने नाबालिग से कहा था कि एक बार मिलने के लिए गुजरात आ जाओ। फिर दोनों शादी कर लेंगे। नाबालिग 24 मार्च को घर से निकली थी। साथ अपने गुल्लक में रखे 1 हजार रुपए भी ले गई थी।
घर से निकलने के बाद वह स्कूल पहुंची और वहां से बुआ के यहां जाने की बात कहकर स्कूल ड्रेस में ही कुचामन स्टेशन पहुंच गई। यहां से अजमेर और अजमेर से रतलाम की बस पकड़ी। इसके बाद रतलाम से गुजरात जाना था। इस बीच भीलवाड़ा आने पर बस कंडक्टर को शक हुआ।
भीलवाड़ा निकलने के बाद उसने नाबालिग से पूछताछ की तो वह कुछ बता नहीं पाई। बस रतलाम पहुंची तो कंडक्टर ने चाइल्ड लाइन टीम बुला ली। सीडब्ल्यूसी के सामने उसे पेश किया गया। नाबालिग ने बताया कि वह नागौर की रहने वाली। इस पर कुचामन पुलिस को सूचना दी गई। 28 मार्च को बच्ची को नागौर वापस लाया गया।
लडक़े ने कहा मम्मी.पापा सभी तुम्हें खुश रखेंगे
लडक़े ने लडक़ी की अपने मां-बाप से भी बात करवाई थी। लडक़े ने फोन पर लडक़ी से यह भी कहा कि 18 साल की उम्र होने पर हम शादी कर लेंगे। मेरे मम्मी.पापा और भाई.भाभी तुम्हें खुश रखेंगे।
2 साल से लडक़ी की लडक़े से बातचीत पर परिजन हैरान
इधर आठवीं क्लास में पढऩे वाली 14 साल की बच्ची के यूं घर से निकल जाने से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। बच्ची के घर आने पर उन्हें राहत मिली। घरवालों को यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनकी बच्ची किसी लडक़े से मिलने गुजरात जा रही थी। दो साल से उससे बात करती रही।
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नागौर चाइल्ड लाइन टीम मेंबर बबिता कंवर से संपर्क कर बच्ची की काउंसिलिंग करवाई गई। कंवर ने उस लडक़े से बात की तो वह अपनी पहचान बताने से कतराने लगा। उल्टे-सीधे जवाब देकर बचने लगा। गनीमत यह रही की बस कंडक्टर की सूझबूझ से नाबालिग लडक़ी सकुशल अपने घर पहुंच गई। इसलिए सत्य खबर अपने सभी पाठकों से आह्वान करता है कि अपने बच्चों का ध्यान रखें व जहां तक संभव हो उन्हें मोबाइल ना दें।
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