सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
आर्य समाज के तत्वाधान में महर्षि दयानंद सरस्वती जन्मोत्सव एवं बोधोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे दिन आचार्य वेद प्रकाश क्षोत्रीय ने यज्ञ संपन्न करवाया। यजमान के आसन पर आदित्य आर्य और मंत्री विजय कुमार सपत्नी उपस्थित रहे। यज्ञोंप्रांत भजन उपदेशक पं. भानु प्रकाश शास्त्री ने ईश्वर भक्ति के सुंदर भजनों द्वारा श्रोता समाज को भावविभोर कर दिया और छात्र-छात्राओं को संदेश देते हुए कहा कि बच्चे अपने जीवन में विकास करना चाहते हैं तो उन्हें 5 सूत्रों को धारण करना चाहिए, पहला बच्चे के अंदर ईश्वर भक्ति का भाव होना चाहिए, दूसरा अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए। तीसरा नित्य स्वाध्याय करना चाहिए। चौथा जीवन में आदर्श स्थापित करने चाहिए और पांचवा लक्ष्य की प्राप्ति हेतु पुरुषार्थ करते रहना चाहिए। उन्होंने आचार्य की महत्ता पर विचार देते हुए कहा कि जिस तरह सूर्य की लाल किरण मकान के रोशनदानों से घुसकर मकान को विशुद्ध कर देती हैं, उसी तरह आचार्य अपने शिष्यों को ज्ञान रूपी किरणों के द्वारा पांच ज्ञानेंद्रियों के द्वारा घुसकर अज्ञानता दूर कर ज्ञान का प्रकाश देता है। इस अवसर पर प्रधान इंद्रजीत आर्य, नरेश चंद, आदित्य आर्य, अमोद कुमार, अश्वनी, रामप्रताप, वेदपाल, योगेंद्र पाल आदि सहित तीनों संस्थाओं के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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