सत्यखबर बहादुरगढ़ (योगेन्द्र सैनी) – प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर आवेदकों के हिस्से में अब केवल इंतजार ही बचा है। अपने कच्चे मकान तोड़ चुके लोगों के हालात योजना को लेकर सरकारी अफसरों के चक्कर काटने से पस्त होते जा रहे हैं। 6 महीने पहले बहादुरगढ़ में विधायक नरेश कौशिक के कार्यालय में प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्रों को एलओसी प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। आवेदकों में ऐसे परिवार भी हैं। जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाने के लिए कच्चे व पुराने मकानों को तोड़ दिया है। अब उनके पास सिर ढकने के लिए भी छत नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण 6 महीने बाद यह योजना जरूरतमंद लोगों को छत मुहैया कराने की वजह से छीनने वाली साबित हो रही है और आशियाने का सपना संजोए लोगों को हताशा का सामना ही करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी लोगों को बहादुरगढ़ नगर परिषद ने आर्थिक सहायता देने के लिए 6 महीने पहले लेटर तो दे दिया। लेकिन उन्हें घर बनाने के लिए राशि अब तक नहीं मिली है। बहादुरगढ़ के वार्ड नंबर 1 की निवासी रोशनी देवी ने बताया कि 25 दिसंबर 2018 को नगर परिषद द्वारा जारी पत्र स्वयं बहादुरगढ़ के विधायक नरेश कौशिक ने उन्हें सौंपा था। जिसमें आवेदन की स्वीकृति की सूचना देते हुए बुनियाद कार्य पूरा होने पर पहली किस्त के रूप में एक लाख रुपये, छत तक निर्माण पूरा होने पर एक लाख रुपये की दूसरी किस्त तथा निर्माण कार्य पूरा होने पर तीसरी व अंतिम किस्त के रूप में 50 हजार रुपये मिलने के बारे में सूचित किया गया था। उन्होंने मकान का नक्शा करवाने के लिए भी 5 हजार रुपये अपनी तरफ से नगर परिषद में जमा करवाए हैं। लेकिन मकान बनाने के लिए पहली किस्त आज तक उन्हें नहीं मिली।
अफसरों की लेटलतीफी से आवेदकों के पास शिवाय इंतजार के कोई चारा नहीं बचा है। वह भी तब जब लोगों ने बकायदा नगर परिषद से लेटर मिलने के बाद भी नया मकान बनाने के लिए अपने पुराने मकान तोड़ दिए हैं और अब उन्हें किराए के मकानों में रहना पड़ रहा है। किसी ने अपने परिचित से चंद दिनों में पैसा लौटाने की बात कहकर उधार पर रकम ली है। वही किसी ने ग्रांट मिलने की आस में बाजार से उधार पर मकान के निर्माण के लिए निर्माण सामग्री उठा ली है। अब दुकानदार भी रोजाना पैसे देने का दबाव बना रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जारी की जाने वाली राशि की पहली किस्त भी नहीं मिलने से पात्र परिवारों में नगर परिषद व सरकार के प्रति रोष है। उन्होंने सरकार से अविलंब यह राशि जारी करने की मांग की है। वही नगर परिषद के अधिकारी लोकसभा चुनाव के कारण लगी आचरण संहिता पैसे आने में देरी का कारण मान रहे हैं। लेकिन कोई भी अधिकारी इस संबंध में कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
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