सत्यखबर, पानीपत
जी.टी.रोड स्थित स्काईलार्क में पत्रकारों से बातचीत में आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं शिव भक्त नवीन जयहिंद ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की बीजेपी सरकार को उनका जो उखाडऩा है उखाड़ वो डरने व झुकने वालों में से नहीं हैं। पुलिस का भय उन्हें दिखाया जाता है चोर उच्चके हों हम तो एक नम्बर के खानदान से हैं। जो व्यक्ति 17 साल में जेल जा चुका हो उसे पुलिस का भय दिखाया जा रहा है। वो कुछ ही देर थाना शहर जायेंगे पुलिस और सरकार को जो करना हो कर ले। वहीं यहां पहुंचने पर नवीन जयहिंद का जिला ब्राह्मण सभा के जिलाध्यक्ष रत्तन शर्मा व उनकी टीम ने ढोल नगाड़ों व फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया।
नवीन जयहिंद ने उनकी नशे के खिलाफ निकली गई भाईचारा कावड़ यात्रा पर हुए साढ़े 3 साल पुराने केस के साथ अपने ऊपर हुए केसों की लम्बी फेरहिस्त गिनाते हुए बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है। जब सरकार उनसे खफा है।
इससे पहले कई केस उन पर हो चुके हैं। सरकार से सीधी टक्कर लेने में वो कभी नहीं झिझकते। इससे पहले अन्ना आन्दोलन में भी प्रधानमन्त्री में आवास का घेराव करने व प्रधानमन्त्री आवास में घुसने को लेकर उनपर केस चल रहा है। उसके बाद आरटीआई कानून को लेकर राष्ट्रपति भवन में घुसने को लेकर केस दर्ज हुआ। हालाँकि इस मामले में वे राष्ट्रपति से मुलाकात करना चाहते थे और आरटीआई पर अपना पक्ष रखना चाहते थे कि किस तरह से राजनीतिक पार्टियां आरटीआई कानून से बचाना चाहती हैं। उसके बाद गायों के संरक्षण के लिए खूंटा गाड़ अभियान चलाया गया था। उस समय के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के आवास पर सिर्फ गाय बाँधने को लेकर उनपर केस दर्ज कर दिया गया।
हालांकि बीजेपी सरकार अपने आप को गायों का हितैषी मानती है, लेकिन नवीन जयहिन्द का कैप्टन अभिमन्यु के आवास पर गाय बांधना रास नहीं आया और उनकी केसों की लिस्ट में एक और इजाफा हो गया है। उसके बाद वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह के हरियाणा दौरे पर उनको काले झंडे दिखाना व रास्ता रोकने के आरोप में नवीन जयहिन्द का नाम शामिल किया गया। वहीं उनके कार्यक्रम स्थल पर मरे हुए सांड को डालने के आरोप में भी नवीन जयहिन्द का नाम शामिल है। नवीन जयहिन्द ने कहा कि जब वे 17 साल के थे तब पुलिस ने उन्हें थाने में बैठाया गया था। छात्रकाल के दौरान भी यूनिवर्सिटी में दो केस दर्ज हुए थे जिनमें वे बरी हो चुके हैं। सरकार जिस तरह से उनके पुराने केसों की फाइल खंगाल रही है उससे तो लगता है की सैकड़ों सम्मन आने अभी बाकी है, क्योंकि अब वे 40 साल के है और 20 साल के आंदोलनकारी जीवन में वे अब तक एक हजार प्रदर्शन सरकार के खिलाफ कर चुके हैं।
जयहिंद ने आगे कहा कि अब तक जितने भी केस हुए हैं न तो उनसे वे डरते हैं और अगर हजार केस और हो जाये न उनसे डरेंगे। सरकार खुलकर जितने भी केस है सभी केसों की फाइल खोल दे, वे हाजिर हैं। वो चोर नहीं आंदोलनकारी हैं और आंदोलनकारी रहते हुए उन्होंने पुलिस व प्रशासन की लाठियां व पानी की बौछारे तथा आंसू गैस के गोले तक सहें है तो थाने में पेश होना कौनसी बड़ी बात है। अगर सरकार जनता की आवाज उठाने को गुंडागर्दी समझती है तो सबसे पहले उन्हें जेल में डाले।
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अगर समाज व भाईचारे के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे। लेकिन सरकार कावडिय़ों व कार्यकर्ताओं को परेशान करने जैसे औच्छे हथकंडे न अपनाये। वे भोले के भगत हैं भगोड़े नहीं और भोले के भक्त तो यमराज से भी नहीं डरते तो सरकार से कैसे डरेंगे। वहीं उन्होंने कार्यकर्ता व अपने साथियों जो उनके साथ कांवड़ यात्रा में शामिल थे से कहा कि स्काईलार्क से भोले की बारात डीजे पर झूमते हुए थाना शहर पहुंचेगी। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। उनके साथ रत्तन शर्मा, एडवोकेट राजेश कौशिक आदि भी रहे।
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