सत्यखबर, पानीपत
33 केवी सब स्टेशन मिनी सचिवालय के सभागार में साेमवार काे लगे बिजली निगम के खुले दरबार में कर्मचारियों का गजब कारनामा सामने आया। नारायणा में स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है। इसी गांव के रहने वाले अमन के घर करीब 5 माह पहले कर्मचारियों ने स्मार्ट मीटर लगाया था। इसका मीटर चेंज ऑर्डर (एमसीओ) चढ़ाते समय बिजली कर्मचारियों ने बड़ी भारी चूक कर दी। मीटर के ऊपर जाे सीरियल नंबर लिखा हाेता है, उसे यूनिट वाले काॅलम में भर दिया और जाे सीरियल नंबर वाला काॅलम था, उसमें यूनिट भर दी। यह गजब कारनामा करके 1.11 लाख रुपए का बिजली बिल थमा दिया। अमन की परेशानी यहीं पर खत्म नहीं हुई। एक ताे कर्मचारियों ने रिकाॅर्ड गलत किया, दूसरी ओर अपनी गलती ठीक करने की बजाय धक्के खिलाते रहे। दरबार पहुंचा ताे समस्या के समाधान की उम्मीद जागी। बिजली निगम के उपभाेक्ता शिकायत निवारण मंच (सीजीआरएफ) के खुले दरबार में 14 शिकायतें आई। इनमें स्मार्ट मीटर से जुड़ी ही 12 शिकायतें थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिजली अधिकारियाें व कर्मचारियों की गलती के कारण स्मार्ट मीटर उपभाेक्ताओं के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं।
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कर्मचारी किसी के घर मीटर की यूनिट नहीं लेने आ रहे हैं ताे किसी के मीटर की एमसीओ ही सही प्रकार से नहीं चढ़ा रहे हैं। इस तरह बार-बार गलत बिल आने से कार्यालयाें के चक्कर काटने काे मजबूर हैं। दरबार में सीजीआरएफ के चेयरमैन आरके शर्मा ने उपभोक्ताओं की शिकायतें सुनी। उन्होंने उपभोक्ताओं से कहा कि उनकी जो भी शिकायतें हैं, खुले दरबार शिकायत रखने से पहले संबंधित एसडीओ तक पहुंचा दिया है, ताकि समाधान हाे जाए। अगर काेई शिकायत पेंडिंग रही ताे उसका जवाब मांगा जाएगा। दरबार में एसई एसएस ढुल समेत कई एसडीओ भी माैजूद रहे।
कर्मचारियों की गलती से धक्के खाने पड़ रहे : अमन
हमारे गांव काे जगमग योजना में शामिल करके निर्बाध बिजली सप्लाई का भराेसा दिलाया था। आज तक न ताे सप्लाई अच्छी मिल रही है, न ही बिजली बिल सही मिल रहे हैं। हमारे कनेक्शन पर लगे पुराने मीटर काे बदलकर स्मार्ट मीटर लगाया गया। कर्मचारियों ने इसका रिकाॅर्ड चढ़ाते समय भारी चूक की। हमारी गलती भी नहीं थी, फिर भी धक्के खाने पड़े। बिल ठीक कराने के लिए शिकायत मुख्यालय भी भेजी थी। आज दरबार आने पर चेयरमैन ने एसडीओ से दोबारा मिलने को कहा है। अब समाधान की उम्मीद जागी है। हमारे घर का बिजली बिल 8 माह से लगातार गलत ही भेज रहे हैं। शुरूआती 2 बिल ऐसे आए ताे हमने साेचा अगले ठीक हाेकर आए जाएंगे। इसी उम्मीद में राशि भी जमा करवा कि बिल ठीक हाेने के बाद एडजस्ट भी हाे जाएगी। तीसरा बिल गलत आया ताे कार्यालय में आकर कारण पूछा किसी ने काेई रास्ता नहीं दिया। धक्के खाने के दाैरान चाैथा बिल भी 00 यूनिट के आधार पर ही आ गया। इसमें भी राशि 1000 रुपए से ज्यादा थी। आज दरबार आया ताे समाधान हाे पाया।
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