किसान आंदोलन के बीच हरियाणा सरकार ने गन्ने का रेट बढ़ाकर खुद को किसान हितैशी साबित करने की कोशिश की है. हरियाणा सरकार ने प्रदेश में गन्ने का रेट 12 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया जाये. 12 रुपये बढ़ने के बाद अब हरियाणा में गन्ने का रेट 362 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. जिस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने खुद ही अपनी सरकार की जमकर तारीफ की. मुख्यमंत्री मनोहर का कहना है कि भाजपा सरकार लगातार किसानों की आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है, इसलिए हर साल एमएसपी बढ़ाई जा रही है सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सरकार फसलों की बुवाई से पहले ही फसलों की एमएसपी घोषित कर देती है, ताकि किसान एमएसपी को देखकर खुद ही तय कर सके कि उसे कौन-सी फसल लगानी है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के वक्त सरकार उस वक्त एमएसपी घोषित करती थी. जब फसलें पककर मंडियों तक पहुंच जाती थी.
ऐसे में किसानों के पास उस एमएसपी को स्वीकार करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होता था, लेकिन अब किसान अपनी मर्जी से फसलें तय करता है जिस फसल में उसे ज्यादा फायदा दिखाई देता है वह वही फसल लगाता है. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा सरकार गन्ने का रेट बढ़ाने में पूरे देश में अग्रणी रही है. इस साल भी हरियाणा में गन्ने का रेट पर बढ़ा दिया गया है. उन्होंने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पिछले 4 सालों से गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया था, लेकिन अब चुनाव पास आते ही पंजाब सरकार ने रेट बढ़ा दिया. हरियाणा का रेट अभी भी पंजाब से ज्यादा है और हम हर साल इसी तरह गन्ने का रेट बढ़ाते रहेंगे. आपको बता दें कि पिछले दिनों पंजाब सरकार ने एक साथ 50 रुपये क्विंटल गन्ने के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी की थी. जिसके बाद वहां 360 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का रेट हो गया था, लेकिन अब हरियाणा में 360 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का रेट हो गया है, मतलब पंजाब से 2 रुपये ज्यादा.
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