सत्य खबर, नई दिल्ली। यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को एक और बड़ा झटका लगा है. बीजेपी विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने पार्टी से इस्तीफ़ा देकर राष्ट्रीय लोक दल जॉइन कर ली है. आरएलडी ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता अवतार भड़ाना आज राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह की उपस्थिति में राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हुए
बता दें कि दो दिनों में पांचवें विधायक ने बीजेपी को झटका को दिया है. अवतार सिंह भड़ाना ने बुधवार को राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात की और उन्हें पार्टी में शामिल कराया. अवतार सिंह भड़ाना पश्चिम यूपी में बीजेपी को मजबूती प्रदान करने वाले नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं. किसान आंदोलन के बाद से भाजपा का पश्चिमी यूपी में प्रदर्शन कमजोर रहने की आशंका जताई जा रही है. इसी क्षेत्र से यूपी के सात चरणों के चुनाव की शुरुआत होनी है. ऐसे में अवतार सिंह भड़ाना का साथ छोड़ना पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
24 घंटे के भीतर पांच बड़े नेताओं ने दिया झटका
बीजेपी को पिछले 24 घंटे में पांच बड़े नेताओं ने झटका दे दिया है. यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले इस्तीफा दिया. उनके इस्तीफे के बाद बांदा के तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक बृजेश प्रजापति ने त्यागपत्र दे दिया है. उनके अलावा शाहजहांपुर की तिलहर सीट से विधायक रोशनलाल वर्मा और कानपुर के बिल्हौर के विधायक भगवती प्रसाद सागर ने इस्तीफा दिया है.
पहले ही कर दिया था पार्टी छोड़ने का ऐलान
पश्चिमी यूपी के मीरापुर से विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने पिछले साल किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर दिया था. मेरठ और फरीदाबाद से सांसद रहे अवतार सिंह भड़ाना किसान आंदोलन के दौरान काफी सक्रिय रहे. उन्हें गुर्जर समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है. वह पिछले कुछ समय से समुदाय को एकजुट करने की कोशिशों में जुटे हुए थे. अब अवतार सिंह भड़ाना के आने से मीरापुर विधानसभा सीट पर आरएलडी की दावेदारी बढ़ गई है.
आरएलडी हो रही मजबूत!
चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद जयंत चौधरी के सामने अपनी पार्टी के खोते जनाधार को बचाने की चुनौती है. जयंत को लगता है कि पश्चिमी यूपी में जाट-सिख और मुस्लिमों की लामबंदी के बदौलत आरएलडी फिर से अपनी खोई ताकत जुटा चुकी है और इसीलिए जंयत अब इसका भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं. आरएलडी 2002 के चुनाव में BJP के साथ गठजोड़ कर चुनावी मैदान उतरी. इस दौरान आरएलडी को 14 सीटों पर जीत मिली जबकि दो प्रतिशत वोट हासिल हुए.
साल 2007 में आरएलडी अकेले चुनावी मैदान में उतरी. इस चुनाव में आरएलडी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की जबकि वोट प्रतिशत दो से बढ़कर चार पर पहुंच गया. 2012 के चुनाव में आरएलडी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी. इस दौरान उसे नौ सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि वोट दो प्रतिशत मिले. वहीं एक बार फिर साल 2017 में आरएलडी ने अकेले चुनाव लड़ा जिसमें 1 सीट पर जीत हासिल की जबकि दो प्रतिशत वोट मिले. इस बार जयंत चौधरी अखिलेश यादव के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
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