सत्य खबर, मुज्जफरनगर
शिवभक्त डाक कांवड़ियों के काफिले हरिद्वार से गंगाजल लाने के लिए शहर से होकर गुजर रहे हैं। डीजे की धुन और हर-हर महादेव के जयकारों से शहर गुंजायमान हो रहा है। शिवभक्तों के स्वागत के लिए सजा शहर का मुख्य मार्ग रंगबिरंगी रोशनी से जगमगा रहा है। जगह-जगह कांवड़ सेवा शिविर लगाए जा रहे हैं।
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शिवभक्तों व झांकियों को देखने के लिए कांवड़ मार्ग पर हजारों महिला व पुरुषों की भीड़ देर रात्रि जमा हो रहती है। इस दौरान रंगबिरंगी कांवड़ व झांकियां के साथ शिवभक्त भगवान भोलेनाथ के भजनों पर कांवड़िये नाचते-झूमते हुए गुजर रहे हैं। कहीं विशाल झांकियां तो कहा योगी मोदी के मुखौटे पहने भी कांवड़िए मार्गों से गुजर रहे हैं। आकर्षक झांकी देखकर श्रद्धालु भी झूमने लगते हैं। सुबह और शाम कांवड़ियों की संख्या अधिक होती है। दोपहर में ज्यादातर कांवड़िये शिविरों में आराम कर रहे हैं। हरियाणा के विभिन्न जिलों से डाक कांवड़िये हरिद्वार की ओर रवाना हो रहे हैं। हरियाणा के सोनीपत का रहने वाले दिव्यांग पवन कुमार ने एक पैर के बिना जल लाकर यह सिद्ध कर दिया है। वह उत्तराखंड के गोमुख से गंगाजल लेकर आ रहे हैं। पवन एक हादसे में जलने से घायल हो गए थे और चिकित्सकों ने उसके एक पैर को काट दिया था।
पवन कुमार बताते हैं कि वह 14 साल से कांवड़ ला रहे हैं। दो साल तक कोरोना काल में कांवड़ यात्रा नहीं हुई थी, लेकिन अब जैसे ही शुरू हुई तो वह फिर गोमुख पहुंच गए। वह कहते हैं कि आदमी को परिस्थितियों से कभी हारना नहीं चाहिए। मैं देश के लिए कांवड़ लाया हूं।
मेरठ के मोनू डीजे की टीम हरिद्वार से गंगाजल लेकर मुजफ्फरनगर से निकल चुकी है। कांवड़ और डीजे का सेटअप करीब तीन से चार करोड़ के बीच का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर यह कांवड़ खूब वायरल हो रही है। मेरठ के औघड़नाथ मंदिर में शिवरात्रि पर कांवड़िए जलाभिषेक करेंगे। श्रद्धा के पथ पर विश्वास की कांवड़ लेकर आगे बढ़ रहीं महिलाएं
हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिवालयों की ओर जा रहे कांवड़ियों की संख्या बढ़ने लगी है। महिला कांवड़ियों की संख्या पिछले सालों के मुकाबले अधिक दिख रही है। श्रद्धा के पथ पर महिला कांवड़ियां शिव का जयघोष करते हुए आगे बढ़ रही है। शहर में कच्ची सड़क से रुड़की रोड होते हुए कांवड़िए बढ़े जा रहेे हैं। दिल्ली की शिवानी पहली बार अपने पति के साथ कांवड़ लेकर पहुंची है। उसका कहना है कि परिवार में सुख शांति के लिए गंगाजल उठाया है।
झज्जर की वीरमति रुड़की रोड से होते हुए यहां से गुजरी। उन्होंने बताया कि बेटे की नौकरी की मन्नत मांगी है। परिवार में सुख-शांति रहे। देश में भाईचारे का माहौल रहे। सब शांति से गुजर-बसर करें। गुुरुग्राम की सरिता अपने पति वीरपाल के साथ कांवड़ लाई हैं। दंपती का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल से पहले वह कांवड़ लाना चाहते थे, लेकिन तब नहीं ला सकें। दो साल बीमारी का प्रकोप रहा, इस बार अवसर मिला तो वह कांवड़ लेने आए हैं। श्रद्धा के मार्ग पर आगे बढ़ने से बेहद खुशी हो रही है। शिविरों में 24 घंटे चल रहे भंडारे
कांवड़ यात्रा मार्ग पर 25 से अधिक शिविर लगे हैं, जिनमें लगातार भंडारे चल रहे हैं। औघड़दानी के भक्तों को सुबह के समय चाय, दूध, पकौड़ी, ब्रेड, बिस्कुट, घेवर और दोपहर व रात के समय दाल-चावल, आलू-पूरी, मटर-पनीर, पुलाव, हलवा, खीर सहित अनेक प्रकार के व्यंजन की व्यवस्था की गई है।
Global aluminum scrap demand Aluminum recycling regulations Metal waste disposal